खेल के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करेगा इंडिया

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हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खेल नीति 2025 (खेलो भारत नीति-2025) को मंजूरी दी है। वास्तव में, यह बहुत ही काबिले-तारीफ है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार यह राष्ट्रीय खेल नीति-2001 का स्थान लेगी। भारत विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, लेकिन खेलों की दृष्टि से अब तक भारत को वह स्थान प्राप्त नहीं है,जो कि विश्व के अन्य देशों जैसे कि संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, और ऑस्ट्रेलिया को है। अमूमन यह देखा गया है कि उक्त देश खेल के क्षेत्र में भारत से बहुत आगे हैं और ये खेल के क्षेत्र में शीर्ष पर या यूं कहें कि अव्व्ल रहते हैं। पाठक जानते होंगे कि इन देशों ने ओलंपिक और अन्य प्रमुख खेल प्रतियोगिताओं में बहुत बार शानदार प्रदर्शन किया है और खेल के क्षेत्र में खुद को साबित किया है। पाठकों को बताता चलूं कि ओलंपिक खेलों में तो, संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे सफल देश रहा है, जिसके बाद चीन, रूस, जर्मनी और फ्रांस हैं। गौरतलब है कि जमैका स्प्रिंटिंग में, केन्या लंबी दूरी की दौड़ में, और ब्राजील फुटबॉल में मजबूत है।संयुक्त राज्य अमेरिका क्रमशः बास्केटबॉल, तैराकी, एथलेटिक्स, गोल्फ में, चीन क्रमशः टेबल टेनिस, बैडमिंटन, भारोत्तोलन में, भारत का मित्र देश रूस जिम्नास्टिक्स, मुक्केबाजी, आइस हॉकी में, जर्मनी क्रमशः घुड़सवारी और हॉकी में, ऑस्ट्रेलिया क्रमशः तैराकी, क्रिकेट और रग्बी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते आए हैं और इन खेलों में इन देशों का कोई सानी नहीं है। हाल ही में जिस ‘खेलो भारत नीति-2025’ को सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है, यह नीति भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने के लिये एक रोडमैप प्रस्तुत करती है, जिसका विशेष ध्यान वर्ष-2036 के ओलंपिक पर केंद्रित है।

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