बच्चों के लिए कानूनी सेवा इकाई के सदस्यगण का हुआ प्रशिक्षण

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पाली। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाली के मीटिंग हॉल में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार नालसा (बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं) योजना, 2024 के तहत पाली जिले के लिये बच्चों के लिए गठित कानूनी सेवा इकाई (स्ैन्ब्) के सदस्यगण को प्रशिक्षण प्रदान करने के क्रम में दो दिवसीय ओरिएन्टेशन ट्रेनिंग कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री राजेन्द्र कुमार, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) पाली, श्री प्रेम प्रकाश गुप्ता, अध्यक्ष स्थाई लोक अदालत, पाली, विक्रमसिंह भाटी, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाली, मानसिंह आशिया, चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल, पाली द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) राजेन्द्र कुमार, ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को विधिक सेवा प्राधिकरण के आयामों के बारे में सरल भाषा में जानकारी देते हुए विधिक प्रावधानों एवं प्रक्रिया से अवगत कराया। साथ ही नालसा (बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं) योजना, 2024 के बारे में सरल भाषा में जानकारी प्रदान की। इसके साथ ही प्रेम प्रकाश गुप्ता, अध्यक्ष स्थाई लोक अदालत, पाली द्वारा प्रशिक्षण में उपस्थित पैनल अधिवक्ता एवं पैरालीगल वॉलियन्टर्स को विषय विशेष नालसा हेल्पलाईन 15100, चाईल्ड हेल्पलाईन 1098, दिव्यांगजन हेल्पलाईन 14456, संबंधित राज्य हेल्पलाईन नंबर आदि के संबंध में जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर विक्रमसिंह भाटी, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला न्यायाधीश), पाली ने उपस्थित पैरालीगल वॉलियन्टर को प्राधिकरण के आयामों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए उनकी भूमिका एवं कर्तव्यों से अवगत कराया। भाटी द्वारा बच्चों को कानूनी सेवाएं प्रदान करने के संबंध में नालसा (बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं) योजना, 2024 के बारे में बातचीत करते हुए विभिन्न बाल कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की। भाटी द्वारा बालकों के लिये विशेष रूप से संचालित योजनाओं यथा संरक्षक एवं प्रतिपाल्य अधिनियम, 1890, बाल व किशोर श्रम (निषेध व विनियमन अधिनियम), 1986, बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006, बालकों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार आदि के संबंध में सरल भाषा में जानकारी प्रदान की। कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013, नालसा मॉड्यूल फॉर सिनियर सिटीजन, बाल विवाह, दहेज प्रथा, सती प्रथा, कन्या भू्रण हत्या आदि के उन्मूलन हेतु बने प्रावधानों के बारे में विस्तृत रूप से बताते हुए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं तथा माननीय रालसा द्वारा एक्शन प्लान व अन्य विधिक सेवा कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन, निःशुल्क विधिक सहायता, पीडित प्रतिकर स्कीम आदि के संबंध में भी जानकारी प्रदान की गई।

इस अवसर पर जितेन्द्र परिहार, सदस्य बाल कल्याण समिति, पाली द्वारा योजना के अंतर्गत की जाने वाली कार्यवाही के बारे में चर्चा करते हुए पुलिस स्टेशन, जेजेबी, बाल न्यायालयो, जेलों आदि में कानून से संघर्षरत बालकों को विधिक सेवाएं प्रदान किये जाने की प्रक्रिया से अवगत कराया। साथ ही किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण ) अधिनियम, 2015 के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए कानून से संघर्षरत बच्चों के लिए कानूनी सहायता की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्रदान की।
इसी क्रम में मानसिंह आशिया, पैनल अधिवक्ता, पाली द्वारा देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए कानूनी सेवाओं के बारे में चर्चा करते हुए गुमशुदा/तस्करी किए गए बच्चों, अपराध के शिकार बालकों आदि के लिए संचालित विधिक प्रावधानों एवं बालकों हेतु राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी प्रदान की।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में समस्त ताल्लुकाओं से चयनित पैनल अधिवक्तागण एवं पैरालीगल वॉलियन्टर्स ने भाग लिया। प्रशिक्षण के अंत में उपस्थित डिप्टी लीगल एड डिफेंस काउंसिल, पाली, पैनल अधिवक्तागण, पैरालीगल वॉलियन्टर्स से सामुहिक चर्चा कर उनकी जिज्ञासाओं को हल किया गया।

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