अरविंद केजरीवाल को राहत, CM पद से हटाने की मांग वाली याचिका दिल्ली HC ने किया खारिज

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि न्यायिक हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। भाजपा लगातार केजरीवाल के इस्तीफे की मांग कर रही है। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। यह याचिका दिल्ली निवासी सुरजीत सिंह यादव ने दायर की थी, जो खुद को किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। यादव ने अपनी याचिका में कहा कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यादव ने जनहित याचिका में यह भी कहा कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होगी और न्याय की प्रक्रिया बाधित होगी, बल्कि राज्य में संवैधानिक मशीनरी भी ध्वस्त हो जाएगी जैसा कि केजरीवाल नहीं करते हैं। अपने कारावास के कारण भारत के संविधान के अनुच्छेद 163 और 164 के अधिकांश अंगों को पूरा करें।
यादव ने यह भी कहा कि जेल में बंद मुख्यमंत्री किसी भी व्यवसाय को करने में असमर्थ होगा जिसका कानून उसे आदेश देता है और यदि उसे ऐसा करने की अनुमति दी जाती है, तो किसी भी सामग्री को, चाहे वह गोपनीय प्रकृति की हो, पहले जेल अधिकारियों द्वारा पूरी तरह से स्कैन करना होगा। ये केजरीवाल के हाथ तक पहुंच जाता है। केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया है। इस आबकारी नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देने के लिए अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता में बने रहने की उनकी महत्वाकांक्षा इतनी प्रबल है कि उन्होंने सलाखों के पीछे होने के बावजूद इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि देश का कानून सभी के लिए बराबर है और नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा किसी भी भ्रष्ट व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा। ठाकुर ने 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ‘‘महा रैली’’ को खारिज करते हुए कहा, ‘‘चोर चोर मौसेरे भाई’’। ठाकुर ने कहा कि जेल में रहने के बावजूद, केजरीवाल की मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा कायम है और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
वहीं, उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति ‘घोटाले’ से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किये गये मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बुधवार को अंतरिम राहत देने से इनकार किया। उच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है जिनपर ईडी से उसका रुख जाने बिना ‘सरसरी तौर पर’ फैसला नहीं किया जा सकता है। न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने गिरफ्तारी और बाद में ईडी की हिरासत में भेजे जाने को चुनौती देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक केजरीवाल द्वारा दायर की गयी याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया तथा दो अप्रैल से पहले उससे जवाब मांगा।

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