संदेशखाली मामले में जारी रहेगी सीबीआई जांच, ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से लगा बड़ा झटका

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नई दिल्ली। संदेशखाली मामले में सुप्रीम कोर्ट से पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को कोई राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने संदेशखाली में जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोपों की सीबीआई जांच के कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई टाल दी है। अदालत ने आगे लंबी कानूनी लड़ाई का संकेत देते हुए अगली सुनवाई जुलाई के लिए निर्धारित की है।

पश्चिम बंगाल सरकार ने संदेशखाली भूमि हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोपों की व्यापक सीबीआई जांच के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश को चुनौती देते हुए अपनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट ले गई है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 10 अप्रैल के अपने फैसले में पूरी तरह से सीबीआई जांच को अनिवार्य कर दिया, साथ ही अदालत जांच की निगरानी भी करेगी। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) में तर्क दिया है कि एचसी का आदेश राज्य पुलिस की चल रही जांच की उपेक्षा करता है और राजनीतिक आवाजों को प्राथमिकता देता है, जो संभावित रूप से जांच को पूर्वाग्रहित करता है।

कलकत्ता एचसी के आदेशों के बाद, सीबीआई ने 5 जनवरी को घटनाओं से संबंधित तीन एफआईआर दर्ज कीं, जिसमें ईडी अधिकारियों पर हमले और निलंबित टीएमसी नेता शेख के गार्ड द्वारा उनके खिलाफ आरोप शामिल थे।

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