लंदन। लंदन में इस सप्ताह अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में कई नए विवाद उभर कर सामने आ रहे हैं, जो दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा कर रहे हैं और टैक्सों पर एक नाजुक समझौते को खतरे में डाल सकते हैं। पिछले महीने जिनेवा में दोनों देशों ने एक 90 दिन की अवधि के लिए ज्यादातर 100% से अधिक टैक्स को निलंबित करने पर सहमति जताई थी। यह कदम एक बढ़ते व्यापार युद्ध को थामने की कोशिश के तौर पर था, जो वैश्विक मंदी के खतरे को बढ़ा रहा था। इसके बाद, अमेरिका और चीन के बीच सेमीकंडक्टर, रेयर अर्थ (जो कार निर्माण और अन्य उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं) और अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने वाले चीनी छात्रों के वीजा पर विवाद गहरा गया।
चीन-अमेरिका में टेक्नोलॉजी विवाद
सबसे ताजा विवादों की शुरुआत मई 12 को जिनेवा समझौते के बाद हुई, जब अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने घोषणा की कि हुआवेई की तरफ से इस्तेमाल किए जाने वाले असेंड एआई (Ascend AI) चिप्स से अमेरिकी निर्यात नियंत्रणों का उल्लंघन हो सकता है। चीन ने इसका कड़ा विरोध किया, क्योंकि अमेरिका लगातार चीनी कंपनियों को अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर और अन्य तकनीकी उपकरणों तक पहुंच से रोकने की कोशिश कर रहा है।
रेयर अर्थ पर चीन का दबाव
चीन के पास रियर अर्थ्स के खनन और प्रसंस्करण में मजबूत पकड़ है, जो न केवल ऑटोमोबाइल बल्कि रोबोट्स और सैन्य उपकरणों जैसे अन्य उत्पादों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। अप्रैल में चीन ने सात रियर अर्थ तत्वों के निर्यात के लिए लाइसेंस की आवश्यकता शुरू कर दी थी, जिससे दुनिया भर में ऑटो निर्माता चिंतित हो गए थे। इस मुद्दे पर चीन ने कुछ अनुमतियाँ दी हैं और यह सुनिश्चित किया है कि नियमों का पालन करने वाले उत्पादकों को निर्यात लाइसेंस दिया जाएगा।
छात्र वीजा पर भी तनाव
यूएस-चीन व्यापार वार्ता में आमतौर पर छात्र वीजा शामिल नहीं होते, लेकिन हाल ही में अमेरिका द्वारा कुछ चीनी छात्रों के वीजा रद्द करने की योजना ने रिश्तों में और तनाव बढ़ा दिया है। चीन ने इसे व्यापार समझौते का उल्लंघन बताते हुए इसकी आलोचना की है। अमेरिका के विदेश मंत्री, मार्को रुबियो ने 28 मई को कहा था कि अमेरिका उन चीनी छात्रों के वीजा रद्द करेगा, जिनका चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध हो या जो महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पढ़ाई कर रहे हों।