जयपुर। राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने दो प्रमुख मुद्दों पर जोरदार हंगामा किया। पहला मुद्दा था कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की गैरमौजूदगी, और दूसरा विवाद महंगे कोयले की खरीद को लेकर था, जो पावर प्लांट्स में इस्तेमाल किया जा रहा है। विपक्षी दलों ने दोनों मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की।महंगे काेयले की खरीद को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा ने अडाणी समूह पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार अडाणी को फायदा पहुंचा रही है और महंगे कोयले की खरीदारी पर सवाल उठाए। “कब तक अडाणी को बचाओगे?” यह सवाल उन्होंने जोरदार तरीके से उठाया।
इस पर ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने पलटवार करते हुए कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ से तालमेल न होने के कारण पारसा कोल माइंस बंद हो गई थी, जिससे 40% अधिक कीमत पर कोयला खरीदना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि वर्तमान सरकार में इस प्रकार की कोई भी समस्या नहीं है और कांग्रेस शासन के दौरान किए गए सभी निर्णयों का हिसाब सार्वजनिक किया जा सकता है।
इस हंगामे के बीच विधानसभा में शून्यकाल की कार्यवाही समाप्त होने के बाद धर्मांतरण विरोधी बिल 2025 पर चर्चा की जाएगी। इस बिल के तहत, यदि किसी व्यक्ति को लालच या डर दिखाकर धर्म परिवर्तन कराया जाता है, तो उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा, मर्जी से धर्म परिवर्तन करने के लिए कलेक्टर को 60 दिन पहले सूचना देना अनिवार्य होगा। इस बिल में ‘लव जिहाद’ को परिभाषित किया गया है और ऐसे मामलों में शादी को रद्द करने का प्रावधान है, अगर यह साबित होता है कि धर्म परिवर्तन के लिए विवाह किया गया था।
विधानसभा में शोर-शराबे के बीच, कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को पूरे बजट सत्र के लिए गैरहाजिर रहने की अनुमति दी गई। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस पर तंज करते हुए कहा, “किरोड़ी जी मजबूर हैं, उनकी सुनी नहीं जा रही है,” यह टिप्पणी विपक्ष के तीखे आरोपों को दर्शाती है।सभी घटनाओं के बीच विधानसभा में राजनीतिक हलचल चरम पर रही, और सरकार के खिलाफ विपक्ष का हमला लगातार जारी है।