बामनवास। बामनवास काे राजनीतिक दृष्टिकोण के हिसाब से देखा जाए तो छोटी राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। विधानसभा क्षेत्र में गौ शाला की मांग को लेकर काफ़ी उठा पटक चली परंतु अभी तक कुछ नहीं हो पाया। दुसरी ओर विधानसभा चुनावाें में भाजपा एवं कांग्रेस दाेनाें ही पार्टियाें के प्रत्याशियाें पर यहां के मतदाताओ की नजर बनी रहती है और प्रत्येक चुनावाें में क्षेत्र में गाैशाला खुलवाने का वादा करके ये नेतागण चले जाते है। लेकिन आज तक क्षेत्रवासियाें की यह मांग किसी भी जनप्रतिनिधि ने पूरी नहीं की है। जिसका दुख मतदाताओं के अंदर साफ छलक रहा है। क्षेत्र में गाैशाला की मांग पूरी नहीं हाे पाने के कारण क्षेत्र की जनता अपने आपको ठगा सा महसूस कर रही है। लेकिन इस बार चुनावाें में क्षेत्र की जनता ने मन बना लिया है कि जाे हमारी मांगे पूर्ण करेगा उसी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में वाेट डाला जाएगा। वर्षों से गौशाला की मांग लगातार की जा रही है
ग्राम सेवा सहकारी समिति सदस्य धासीलाल मीना का कहना है कि किसान आवारा जानवरों से बेहद परेशान है अपने खेतों की रखवाली करते हुए किसान सारी रात सो नहीं पाते हैं क्षेत्र में गौशाला नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में गायों का झुंड घूमता रहता है यह फसलों को बर्बाद कर किसानों को नुकसान पहुंचा रही है।
वहीं हिंदू सनातन मंच सह संगठन मंत्री बुध्दि पण्डित एवं अशाेक जारेडा का कहना है कि हजाराें की संख्या में गायों का झुंड जिस दिशा से गुजरता है। वहां किसानाें के खेतों में लहलहाती फसल को पशु चट कर जाती है। जिससे किसानों की मेहनत चंद पलों में मिट्टी में मिल जाती है। इसलिए अगर क्षेत्र में गाैशाला खुल जाए ताे किसानाें की समस्या खत्म हाे जाएगी। ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक से गाैशाला खुलवाने की मांग की है।
किसान नेता कांजी मीना का कहना है कि किसान जंगली गायों से अपनी फसलों को बचाने के लिए सर्द, गर्मी या बारिश के दौरान खेत की रखवाली करने को मजबूर होना पड़ता है। गायों की इस समस्या से निजात दिलाने में जनप्रतिनिधि सहयाेग करें और शीघ्र ही क्षेत्र में गाैशाला खुलवाए।
वहीं समाजसेवी श्यामलाल सुन्दरी का कहना है कि यदि क्षेत्र में गौशाला खुलती है तो गायों के लिए भी और किसानों के लिए भी बहुत लाभदायक सिद्ध होगी। उन्हाेंने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि विधायक एवं सांसद महाेदय से शीघ्र ही गाैशाला खुलवाने की मांग की है।
क्षेत्र में गौशाला नहीं खोली गई तो आने वाले समय में जनप्रतिनिधियों को विरोध का सामना करना पड़ सकता है