जयपुर। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री डा. महेश जोशी से गुरूवार को सिविल लाईन्स, जयपुर स्थित उनके आवास पर डेनमार्क से आये प्रतिनिधि मण्डल ने मुलाकात की। डा. जोशी से डेनमार्क के प्रतिनिधियों ने राजस्थान एवं डेनमार्क के आपसी सहयोग के लिए तैयार जॉइन्ट एक्शन प्लान पर चर्चा की।
बैठक में बताया गया कि आपसी सहयोग के पहले चरण में पायलट बेसिस पर जयपुर, भीलवाड़ा एवं नवलगढ़ में पेयजल प्रबंधन, गैर राजस्व जल (छीजत) में कमी लाने तथा चुने हुए क्षेत्रों मे 24 घंटे पेयजल आपूर्ति पर कार्य होगा। इसकी सफलता के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जायेगा।
जलदाय मंत्री ने पानी बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में जल का विशेष स्थान रहा है। हमारे यहां प्राचीन समय से कुएं एवं बावडियों के माध्यम से जल संग्रहण किया जाता रहा है।
डेनमार्क के प्रतिनिधियो ने उनकी गत सप्ताह की नवलगढ़ यात्रा का जिक्र करते हुए वहां की पारम्परिक वर्षा जल संचय प्रणालियों की प्रशंसा की। डा. जोशी ने भी पिछले साल अगस्त माह की अपनी डेनमार्क यात्रा का जिक्र करते हुए वहां के जल प्रबंधन को उत्कृष्ट बताया।
आरहूस (डेनमार्क) की डायरेक्टर प्लानिंग लुइसे पेपे ने कहा कि आपसी सहयोग की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए शहरी पेयजल क्षेत्र में सेवाओं एवं गुणवत्ता में सुधार, वितरण तंत्र की दक्षता में वृद्धि से गैर-राजस्व जल (छीजत) में कमी, जल स्त्रोतों का समन्वित प्रबंधन, अपशिष्ट जल प्रबंधन एवं पुर्नचक्रण, नदियों के कायाकल्प के लिए हरित समाधान आदि क्षेत्रों में राजस्थान एवं डेनमार्क मिलकर कार्य करेंगे।
प्रतिनिधि मंडल में आरहूस शहर म्यूनिसिपल्टी की प्रोजेक्ट मैनेजर मिस. एल्के स्टब्सगार्ड, क्रिश्चियन ब्रनमार्क, डेनमार्क दुतावास की सेक्टर काउंसलर डा. अनिता कुमारी एवं अन्य शामिल थे। कार्यक्रम में मुख्य अभियंता (शहरी) के डी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (शहरी) अमिताभ शर्मा एवं पीएचईडी के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।