जयपुर। रविवार को राजस्थान के नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता के क्षेत्र में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ा, जब राज्य के नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा द्वारा 14 नगरीय निकायों में निर्मित 17 सामुदायिक, सार्वजनिक एवं पिंक (महिला) शौचालयों का लोकार्पण किया गया। इन शौचालयों का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के अंतर्गत कुल 5.07 करोड़ रुपए की लागत से पूर्ण हुआ है। इन 17 शौचालयों में 7 सामुदायिक, 5 सार्वजनिक और 5 पिंक शौचालय शामिल हैं, जिनकी विशेषता है।आधुनिक सुविधाएं, दिव्यांग अनुकूल रैम्प, सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन, वॉश बेसिन, स्वच्छता किट्स और रखरखाव के लिए नियुक्त केयरटेकर। इस अवसर पर झाबर सिंह खर्रा ने कहाकि,“आज का यह आयोजन केवल शौचालयों का उद्घाटन नहीं, बल्कि एक स्वच्छ, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन की दिशा में हमारा संकल्प है। गांधी जी का सपना और मोदी जी का मिशन आज राजस्थान में साकार हो रहा है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार आमजन को स्वच्छ, स्वस्थ और सुरक्षित जीवन देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। ”
खर्रा ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के प्रथम चरण में राजस्थान के सभी नगरीय निकायों को खुले में शौच से मुक्त (ODF) घोषित किया गया था। अब मिशन के दूसरे चरण में सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक शहरी नागरिक को सुरक्षित और सम्मानजनक स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध हों।स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की निदेशक श्वेता चौहान ने इस मौके पर कहा की,“ राज्य सरकार की मंसानुरूप महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य में पिंक टॉयलेट्स की एक विशेष श्रृंखला विकसित की जा रही है। अब तक 86 पिंक टॉयलेट ब्लॉक्स का कार्यादेश जारी हो चुका है, जिसमें से 9 पूर्ण हो चुके हैं। यह पहल नारी सम्मान और स्वस्थ समाज की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।”उन्होंने यह भी बताया कि सभी नए शौचालयों में स्वच्छता और तकनीक का संतुलन सुनिश्चित किया गया है, जिससे वे लंबे समय तक टिकाऊ और जनोपयोगी रहेंगे। कार्यक्रम का समापन “गंदगी भारत छोड़ो” के संकल्प के साथ हुआ, जिसमें सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया। मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने आमजन से अपील की हम सब साथ मिलकर स्वच्छता को जनआंदोलन बनाएं और राजस्थान को स्वच्छ, स्वस्थ और समृद्ध बनाएँ।

अभियान को मिली रफ्तार : स्वच्छता केवल आदत नहीं, यह संस्कार है : झाबर सिंह खर्रा
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