जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने संतशक्ति को नमन करते हुए कहा कि चातुर्मास मंगल प्रवेश आत्म कल्याण का पावन प्रभात है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन आत्मशुद्धि, संयम और साधना का जीवंत प्रतीक है। आचार्यश्री और समस्त साधु-साध्वियों के साथ चातुर्मास समाज को आंतरिक परिवर्तन, करुणा और अध्यात्म की दिशा में अग्रसर करने वाला पर्व है। देवनानी ने यहां तिलक नगर स्थित श्री साधुमार्गी शांत क्रांति जैन संघ द्वारा नवकार भवन में आयोजित समारोह में श्रद्धालुओं को सम्बोधित किया। देवनानी ने कहा कि आचार्यश्री के ओजस्वी प्रवचनों ने अंतर्मन को मंथन यात्रा के लिए प्रेरित किया है। विश्ववल्लभ आचार्य प्रवर 1008 प. पू. श्री विजयराज जी के सान्निध्य में उनके आजानुवर्ती 30 साधु-साध्वियों ने चातुर्मास मंगल प्रवेश किया। देवनानी ने इस पवित्र उपस्थिति को आत्मिक उत्थान की अविस्मरणीय घड़ी बताते हुए सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएँ दी और कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में संयम, समरसता और संस्कारों की नींव और अधिक सुदृढ़ होती है। कार्यक्रम का प्रारंभ नवकार मंत्र के उच्चारण एवं मंगलाचरण से हुआ, जिसके पश्चात साध्वीवर्याओं एवं मुनिवर्य जनों के स्वागत में सभा का आयोजन किया। चातुर्मास के इस चारमासिक व्रतकाल में साधु-साध्वीगण तिलक नगर क्षेत्र में रहकर साधना, प्रवचन, आत्मचिंतन एवं धर्मप्रवर्तन द्वारा समाज को जीवनमूल्यों की नई दृष्टि प्रदान करेंगे।
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने लिया चातुर्मास मंगल प्रवेश का पुण्य लाभ
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