अजमेर: धार्मिक नगरी अजमेर शहर सहित पूरे जिले में गणपति पूजा की तैयारियां जोरों पर है। मूर्तिकार भगवान गणेश की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं गणपति बप्पा की मूर्तियों की सजावट का काम अंतिम चरण में है।घरों-पंडालों में विघ्नहर्ता गणपति बप्पा का शुभ आगमन होगा। ऐसे में गजानन के स्वागत की तैयारियां तेज हो गई हैं। मूर्तिकारों को अच्छे कारोबार की उम्मीद है। इस बार 19 सितंबर को गणपति पूजा है। शहर सहित पूरे जिले में 10 दिनों तक भगवान गणेश की पूजा होगी। यहां जगह जगह पंडाल बनाए जाएंगे जिसमें गणपति बप्पा की मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा। मूर्तिकार और कारीगर गणेश प्रतिमा को बनाने के काम में जुट गए हैं। छोटी मूर्तियों की सजावट का काम भी जोर शोर से चल रहा है। इस साल मूर्तियों को बनाने में लगने वाले कच्चे सामान जैसे मिट्टी, लकड़ी, बांस और पैरा के दाम बढ़ने के कारण मूर्ति के भी दाम में बढ़ोतरी का असर भगवान गणेश की मूर्तियों पर भी देखने को मिलेगा। मूर्तिकारों ने बताया कि लगभग 20 से 25 फीसदी तक मूर्तियां महंगी हो जाएगी। बाजार में 8 इंच से लेकर 12 फीट तक की गणेश प्रतिमाएं बाजार में देखने को मिलेगी। महंगाई बढ़ने से मूर्ति की कीमत लगभग 1500 रुपए से लेकर 12 हजार रुपए तक होंगी।
1500 से 12 हजार तक की मूर्तियां
शहर में करीब 10 हजार छोटी-बड़ी मूर्तियों को अंतिम स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। एक हजार से ज्यादा मूर्तियां पहले ही आर्डर के जरिये खरीदी जा चुकी हैं। स्थापना के लिए एक से लेकर 12 फीट तक की मूर्तियां तैयार की गई हैं और इनकी कीमत 1,500 रुपये से लेकर 12 हजार तक है।
4 से 7 फीट की मूर्तियों की डिमांड ज्यादा
एक से 12 फीट तक की मूर्तियां बनाई जाती हैं, लेकिन सबसे ज्यादा बिक्री चार से सात फीट तक की मूर्तियों की होती है। कारीगरों के मुताबिक ये बहुत छोटी भी नहीं होती कि पंडाल में रखने में छोटी लगें और बहुत बड़ी भी नहीं होतीं कि उन्हें छोटे पंडाल में न रखा जा सके।
कहीं दो तो कहीं दस दिन विराजेंगे बप्पा
गणेश चतुर्थी पर गणपति जी कहीं दो, कहीं पांच तो कहीं दस दिनों के लिए विराजेंगे। इस दौरान पॉलीथिन उन्मूलन व पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा। इसके साथ ही इस बार इको फ्रेंडली गणपति की मूर्ति स्थापित की जाएगी। जिससे की पूजन के बाद मिट्टी के गणेश जी को घर में कुंड बनाकर विसर्जन करेंगे।