जांच में खुलासा: मूसेवाला की हत्या से पहले शूटरों के साथ यूपी में रुका था थप्‍पन

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नई दिल्ली। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के सिलसिले में अगस्त में अजरबैजान से प्रत्यर्पित किया गया सचिन बिश्नोई उर्फ सचिन थप्पन हत्या से पहले भी गिरोह के सदस्यों के साथ रहा था।

जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के कहने पर शूटर कई दिन तक अयोध्या के एक फार्महाउस में फायरिंग की प्रैक्टिस करते थे। उनके अत्‍याधुनिक हथियार सीमा पार से आयातित होते थे।

यह फार्महाउस विकास सिंह नाम के एक स्थानीय नेता का है।

जांच एजेंसियां अब उत्तर प्रदेश में बिश्नोई गैंग के सहयोगियों की पहचान करने में जुट गई हैं। थप्‍पन को दिल्ली पुलिस आगे की जांच के लिए अयोध्या लेकर जाएगी।

सचिन बिश्नोई, जो गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का रिश्तेदार है, को पिछले साल मई में हुई पंजाबी गायक की हत्या के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक माना जा रहा है। दु पंजाब के फाजिल्का का रहने वाला है।

इस बीच, दिल्ली की अदालत ने मूसेवाला के नाम से विख्‍यात शुभदीप सिंह सिद्धू की हत्या सहित कई मामलों में आगे की पूछताछ के लिए बिश्नोई को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

सूत्रों का दावा है कि बिश्नोई हत्या की साजिश रचने और रसद संभालने में शामिल था।

हत्या के समय वह विदेश में था लेकिन उसने यह दावा करके जांचकर्ताओं को गुमराह करने का प्रयास किया कि उसने मूसेवाला को गोली मारी थी।

सूत्रों ने दावा किया कि जब वह दुबई में था, तो उसने सोचा कि उसे वहां से प्रत्यर्पित किया जा सकता है क्योंकि भारत के संयुक्त अरब अमीरात के साथ अच्छे संबंध थे। इसलिए वह बाकू चला गया।

बिश्नोई को पिछले साल अगस्त में अजरबैजान में हिरासत में लिया गया था। उसने जमानत के लिए आवेदन किया था, जिसे खारिज कर दिया गया था।

विशेष पुलिस आयुक्त (विशेष शाखा) एचजीएस धालीवाल ने पत्रकारों को बताया कि खूंखार भगोड़ा अपराधी और अंतर्राष्‍ट्रीय खूंखार अपराधी लॉरेंस बिश्नोई का भतीजा थप्‍पन उर्फ तिलक राज टोटेजा को बड़ी कोशिशों के बाद अजरबैजान से भारत वापस लाया गया है।

सचिन बिश्नोई लॉरेंस बिश्नोई समूह से संबंधित शस्त्र अधिनियम उल्लंघन, हत्या और हत्या के प्रयास सहित पांच आपराधिक मामलों में वांछित है।

धालीवाल ने कहा, “पिछले साल 30 मार्च को मोहन गार्डन पुलिस स्टेशन में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जहां गिरोह ने एक रियल एस्टेट व्यवसायी को घायल कर उससे एक करोड़ रुपये की मांग की थी।”

स्पेशल सेल ने छापेमारी की और साजिश में शामिल सभी अपराधियों, अपराध में इस्तेमाल हथियारों के तस्करों और पीड़ित के बारे में जानकारी देने वालों को गिरफ्तार कर लिया।

धालीवाल ने कहा, “जांच के दौरान, यह पाया गया कि सचिन बिश्नोई ने अपराध से वहां की रेकी की थी और घटना में इस्तेमाल किए गए कुछ हथियार अपने साथ ले गया था। गिरोह के खिलाफ मकोका के तहत दर्ज मामले की जांच के दौरान सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में उसकी संलिप्तता का पता चला था।“

विशेष सीपी ने कहा, “अज़रबैजान में दिल्ली पुलिस और भारतीय राजनयिक प्रतिनिधियों के सामूहिक प्रयासों के कारण सचिन बिश्नोई की गिरफ्तारी हुई।”

उन्होंने कहा, “विभिन्न खुफिया एजेंसियां, गृह और विदेश मंत्रालय, दूतावास, इंटरपोल, सीबीआई, दिल्ली स्थित अधिकारी और अज़रबैजान के उच्च अधिकारियों ने इस पूरे अंतर्राष्‍ट्रीय प्रयास में दिल्ली पुलिस का साथ दिया।”

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