वैश्विक स्तर पर भारत की बड़ी सफलता, विश्व बैंक ने दुनिया के सर्वाधिक ‘समतामूलक समाज’ में किया शामिल

ram

नई दिल्ली। भारत न केवल विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, बल्कि आज यह सर्वाधिक समतामूलक समाजों में से एक भी है। विश्व बैंक के अनुसार, भारत का गिनी सूचकांक 25.5 है, जो इसे स्लोवाक गणराज्य, स्लोवेनिया और बेलारूस के बाद दुनिया का चौथा सबसे समतामूलक देश बनाता है। यह भारत जैसे बड़े और विविधता वाले देश के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। यह दर्शाता है कि भारत की आर्थिक प्रगति का लाभ लोगों में समान रूप से पहुंच रहा है। इस सफलता के पीछे गरीबी को कम करने, वित्तीय पहुंच का विस्तार और कल्याण सहायता को सीधे उन लोगों तक पहुंचाने पर लगातार नीतिगत ध्यान केंद्रित करना है, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। गिनी सूचकांक यह समझने का एक सरल तरीका है कि किसी देश में घरों या व्यक्तियों के बीच आय, संपत्ति या उपभोग के वितरण में कितनी समानता है। इसका मूल्‍य 0 से 100 तक होता है। 0 स्कोर का अर्थ पूर्ण समानता है, यानी आय आदि समान रूप से सभी लोगों के बीच वितरित हो रही है। 100 स्कोर का अर्थ है कि एक ही व्यक्ति के पास पूरी आय, संपत्ति या उपभोग है और दूसरों के पास कुछ भी नहीं है, इसलिए पूर्ण असमानता है। गिनी इंडेक्स जितना अधिक होगा, देश उतना ही असमान होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *