गैर वानिकी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए बढाई गश्त

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 धारा 144 लगाने के बाद हरकत में आया वन विभाग, कालदां के जंगलों से पशुपालकों को खदेड़ा
बून्दी। बून्दी वन मंडल के गश्ती दल  ने  रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में गैर वानिकी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। उपवन संरक्षक तरुण मेहरा के निर्देश पर जिले के जंगलों में गैर वानिकी गतिविधियों व पशुओं की अवैध चराई पर रोक लगाने के लिए राजस्थान वन सेवा के प्रशिक्षु सहायक वन संरक्षक सुनिल धाबाई के नेतृत्व में एक गश्ती दल का गठन कर गश्त बढ़ा दी है। नवगठित गश्ती दल ने कालदां माता क्षेत्र के जंगलों में अस्थाई रूप से पशुपालकों के द्वारा बनाए गए डेरे नष्ट किए तथा पशुपालकों को जंगल में नहीं रूकने के लिए पाबंद किया।
कार्यवाही के बाद डाटुंडा सरपंच की मोजूदगी में वन अधिकारियों ने ग्रामीणों से चर्चा कर पहाड़ी के उपर बाड़े नहीं बनाने के लिए समझाइश की। कालदा माता के पुजारी को भी यहां आने वाले श्रद्धालुओं को दोपहर 3 बजे बाद  बर्तन नही देने हेतु पाबंद किया गया  है तथा रात में  पार्टी करने वालो पर भी रोक लगा दी गई है। गौरतलब है कि 11 जुलाई को जिला कलेक्टर डॉ रविन्द्र गोस्वामी ने रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के जंगलों में दो माह के लिए धारा 144 लगा दी है।
कालदां वन क्षेत्र में होगी नियमित गश्त
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के महत्वपूर्ण एवं जैवविविधता से समृद्ध कालदां वन क्षेत्र में वन विभाग ने गश्त बढ़ा दी है। जिले के 5 वन नाकों के अधीन आने वाला यह  करीब तीन सौ वर्ग किलोमीटर का जंगल आबादी शून्य व बियावान प्राकृतिक घाटियों से युक्त है। गुढ़ानाथावतान, सथूर, डाटुंडा, बसोली व खीन्या नाको में बंटे इस जंगल में कोई खेती बाड़ी भी नहीं होती।  इस जंगल में पेंथर, सांभर, जंगली सूअर, चिंकारा, सेही सहित कई वन्यजीव मौजूद है। यह इलाका बाघों का पसंदीदा आश्रयस्थल रहा है।  कुछ समय पूर्व एक नर बाघ भी एक पखवाड़े तक इस इलाके में रहा था जिसे बाद में मुकुन्दरा टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया ।

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