स्काउट गाइड प्रशिक्षण शिविर में बालिका सशक्तिकरण संगोष्ठी आयोजित

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बूंदी। राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड स्थानीय संघ की ओर से संचालित ग्रीष्मकालीन कौशल विकास अभिरुचि शिविर के अंतर्गत बालिका सशक्तिकरण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आयोजन में शिक्षा विभाग कोटा की संयुक्त निदेशक तेजकंवर मुख्य अतिथि तथा महिला अधिकारिता विभाग की जेंडर स्पेशलिस्ट विनीता अग्रवाल विशिष्ट अतिथि रही। संगठन के संयुक्त सचिव समन्वयक डॉ सर्वेश तिवारी सहित सामाजिक कार्यकर्ता संजय बायर, शिविर संचालक विश्वजीत जोशी व कैंप लीडर सिद्धि नामा मंचासीन रहे। अतिथियों ने संभागियों के कौशल विकास प्रशिक्षण का अवलोकन किया कर आत्म सशक्तिकरण हेतु प्रेरित किया।प्रशिक्षणार्थी बालिकाओं द्वारा सेल्फ डिफेंस तकनीकों व लाठी संचलन का प्रदर्शन किया गया।
सशक्त बालिका सुदृढ़ राष्ट्र विषय पर संबोधित करते हुए शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक तेजकंवर ने कहा कि नारी स्वयं शक्ति का नाम है हमारे देश में नारी को विशिष्ट स्थान दिया गया है। समय के साथ ही नारी के स्वरूप में भी बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि आज की बालिकाएं नारी शक्ति का आधार हैं वे स्वयं की सामर्थ्य को समझें और शिक्षा को अधिकार बनाकर विकास के विभिन्न आयामों से जुड़े। समन्वयक डॉ सर्वेश तिवारी ने कहा कि बालिकाओं को डर, शर्म व झिझक से उभारने, असुरक्षा के भाव से मुक्त स्वयं सक्षमा आत्मविश्वास जागृति हेतु वातावरण निर्माण बेहद जरूरी है। विशिष्ट अतिथि विनीता अग्रवाल ने बच्चो को प्रोत्साहित कर स्काउट से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। अग्रवाल ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण हमें हुनरमंद बनाकर सकारात्मक बोध प्रदान करते हैं।
इससे पूर्व शिविर केंद्र पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर व करतल ध्वनि के साथ स्टाफ लीडर सिद्धि नामा व ट्रेनर शीतल राठौर ने स्कार्फ पहनाकर जनरल सैल्यूट व स्वागत उद्बोधन से अतिथियों का अभिनंदन किया। श्रेष्ठ प्रदर्शन पर ग्राम डाटुन्दा की प्रशिक्षणार्थी अल्पना कंवर, मार्शल ट्रेनर प्रीति पाराशर, सेल्फ डिफेंस प्रदर्शन करने वाली दीक्षा सैनी तथा चेष्टा सेन को अतिथियों ने पुरस्कृत किया। कार्यक्रम का संचालन अक्षरा गौतम ने किया।
लाठियों के संचलन से दिया अपनी सुरक्षा अपने हाथ का संदेश
बालिका सशक्तिकरण के प्रायोगिक सत्र में बालिकाओं ने मार्शल आर्ट से स्वयं को कैसे सक्षम और निर्भीक बनाएं तथा विषम स्थिति का सामना करें इसका प्रदर्शन किया गया। मार्शल आर्ट ट्रेनर प्रीति पाराशर के नेतृत्व में प्रतिज्ञा राठौर व एकता दाधीच ने सेल्फ डिफेंस तकनीकों का प्रायोगिक प्रदर्शन किया। वहीं हमले या असुरक्षित स्थिति में लाठी प्रहार द्वारा किस प्रकार बचा जाए इसका जीवंत रुप में प्रदर्शन किया गया। प्रशिक्षु चेष्ठा सैन एवं दीक्षा सैनी ने लाठियों के तीव्र जोशपूर्ण फुर्तीले प्रहारों से आत्मरक्षा प्रदर्शन किया। उन्होंने एक दूसरे पर अटैक कर वातावरण को लाठियों के तीव्रवेग से टकराने की ध्वनि से गुंजित कर दिया। क्रोधित लाल आंखों के साथ किशोरियों ने पूर्ण एकाग्रता से बिना रुके एक दूसरे पर इस प्रकार लाठियों के ताबड़तोड़ प्रहार किए कि उन्हे देखकर सहमें दर्शकों को सजीव स्थिति सी अनुभूति हो उठी।

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