जयपुर : केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने राजस्थान के पर्यटन विभाग द्वारा भेजी गयी क़रीब 145 करोड़ की दो बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी है।उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने गुरुवार को इस संदर्भ में केन्द्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से मुलाकात की थी। केन्द्रीय पर्यटन मंत्री ने इन कार्यों की शीघ्र स्वीकृति का भरोसा दिलाया था। केन्द्र सरकार ने विभिन्न पर्यटन केन्द्रों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए पूंजीगत व्यय की विशेष योजना के अंतर्गत आमेर और नाहरगढ़ के विकास के लिए 49.31 करोड़ और जल महल क्षेत्र के विकास के लिए 96.61 करोड़ रही परियोजना को मंजूरी दी है।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने बजट में जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र के लिए 100 करोड़ की योजना की घोषणा की थी और उसके बाद से ही वे जल महल औऱ आमेर-नाहरगढ़ के विकास के लिए रोप-वे तथा अन्य योजनाओं की केन्द्र द्वारा स्वीकृति के लिए प्रयासरत थी।दिया कुमारी ने केन्द्रीय वित्त मंत्रालय का आभार जताते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में डबल-इंजन की सरकार का पूरा लाभ राजस्थान को मिल रहा है। उन्होंने आशा जताई की केन्द्र सरकार द्वारा किये जा रहे 145 करोड़ से अधिक के पूंजीगत व्यय से जयपुर में पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विस्तार होगा तथा स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढेगें।
इन कार्यों के लिए राजस्थान पर्यटन विकास निगम को कार्यकारी एजेंसी नियुक्त किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जल महल और आमेर-नाहरगढ़ की विकास परियोजनाओं को पूंजीगत व्यय के रूप में स्वीकार करना, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के प्रयासों की सफलता है। पर्यटन में पूंजीगत व्यय के अलावा, नाहरगढ़-आमेर के विकास के लिए केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को रोप-वे योजनाओं के लिए भी प्रस्ताव भिजवाये गये है, जिनकी शीघ्र स्वीकृति के लिए दिया कुमारी ने बुधवार को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी।
जयपुर चारदीवारी क्षेत्र और आमेर-नाहरगढ़ के विकास कार्यों के लिए पुरातत्व और संग्रहालय विभाग की अनापत्ति प्राप्त की जा चुकी है वही जलमहल क्षेत्र के विकास कार्यों लिए वन विभाग तथा राजस्थान झील विकास प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाणपत्र भी जारी हो चुका है। पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों को विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए जयपुर में विकास कार्यों के अतिरिक्त पर्यटन विभाग द्वारा खाटू श्याम जी तथा पुष्कर कॉरिडोर के विकास के लिए भी विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट पीडीकोर के माध्यम से केन्द्र को भिजवाई जा रही है।