बारां। जिले में जल संरक्षण और जल स्रोतों के पुनर्भरण को लेकर चल रहे मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान-2.0 के प्रथम चरण की प्रगति की समीक्षा एवं द्वितीय चरण की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुमोदन के लिए जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। मंगलवार को मिनी सचिवालय सभागार, कलेक्ट्रेट परिसर में विधायक राधेश्याम बैरवा की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई।
बैठक में जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की गई। रिपोर्ट के अनुसार जिले की आठों पंचायत समितियों की 32 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत कुल 102 गांवों में 43471.55 हेक्टेयर क्षेत्र में जल संरक्षण से संबंधित 2359 कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। इन कार्यों की कुल लागत 11589.20 लाख रुपये आंकी गई है, जिसे बैठक में अनुमोदन प्रदान किया गया।
विधायक ने जताई भू-जल संकट पर चिंता
विधायक राधेश्याम बैरवा ने जिले में गिरते भू-जल स्तर पर चिंता जताई और कहा कि जल संरक्षण की दिशा में कार्यों को और अधिक गति देने की आवश्यकता है। उन्होंने विशेष रूप से वन क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाने एवं वर्षा जल संचयन की प्रभावी व्यवस्था करने पर बल दिया। उन्होंने सभी विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करते हुए स्थायी जल स्रोत सृजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा जिले में जल संकट से निपटने एवं जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संसाधनों की उपलब्धता की जानकारी लेकर आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक के दौरान जलग्रहण क्षेत्र विकास के लिए कुल 2359 कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई जिनकी राशि 11589.20 लाख रुपए का अनुमोदन किया गया।
इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजवीर सिंह चौधरी, निदेशालय जयपुर से आए अतिरिक्त निदेशक अभियांत्रिकी पी.के. गुप्ता, अधीक्षण अभियंता एवं पदेन परियोजना प्रबंधक वाटरशेड सेल कम डाटा सेंटर मनोज कुमार पूरबगोला, सहित विभिन्न विभागों के जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 2.0 की समीक्षा एवं डीपीआर अनुमोदन हेतु जिला स्तरीय बैठक आयोजित
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