नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि भारत राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर आगे बढ़ने के साथ कर्ज में कटौती के लक्ष्य की ओर कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने इस बात को तवज्जो नहीं दी कि मूडीज जैसी एजेंसियों ने इन सबके बावजूद भारत की साख को नहीं बढ़ाया है। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के अपने बजट में राजकोषीय सूझबूझ के साथ आर्थिक वृद्धि को गति देने के बीच बेहतर संतुलन साधा है। उन्होंने न केवल मध्यम वर्ग को बड़ी कर राहत दी है, बल्कि अगले साल राजकोषीय घाटे को कम करने तथा 2031 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के प्रतिशत रूप में कर्ज में कमी लाने का खाका भी पेश किया।
उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक चुनौतियों, आपूर्ति व्यवस्था के स्तर पर समस्याओं और दुनिया में संघर्षों के बीच अर्थव्यवस्था की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए महामारी के दौरान अधिक कर्ज लेना पड़ा। सीतारमण ने पीटीआई-के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘इन सबके बावजूद हमने प्रतिबद्धता दिखाई है और राजकोषीय घाटे के संबंध में हम अपनी कही बातों का पालन कर रहे हैं। एक भी साल ऐसा नहीं है, जब हम अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहे हों।’’ मूडीज रेटिंग्स ने शनिवार को सरकार द्वारा अपने वित्त को विवेकपूर्ण ढंग से प्रबंधित करने के प्रयासों के बावजूद भारत की साख को तत्काल बढ़ाने की बात से इनकार किया था।

देश राजकोषीय मजबूती के साथ कर्ज कटौती के लक्ष्य की राह पर : निर्मला सीतारमण
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