गंगापुर नगरपालिका अध्यक्ष के बाद ईओ की नियुक्ति का गहराया विवाद, कांग्रेस दो खेमे में विभाजित

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गंगापुर -भीलवाड़ा.गंगापुर नगर पालिका अध्यक्ष दिनेश चंद्र तेली की उन्ही की पार्टी पार्षदों द्वारा की गई खिलाफत के बाद अब अधिशासी अधिकारी की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस दो खेमो  में विभाजित होती नजर आ रही है।
10 कांग्रेसी पार्षदों के कड़े विरोध के बावजूद आज ईओ के कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात करीब आधा दर्जन पार्षदो कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देने की चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोरो से हो रही हैं हालांकि इसी घटनाक्रम को लेकर बुधवार को सहाड़ा विधायक गायत्री देवी त्रिवेदी की उनके निवास रायपुर में कांग्रेस पार्टी के साथ हुई वार्ता में उनकी मंशा अनुरूप अधिकारी की नियुक्ति का विधायक द्वारा भरोसा दिलाया गया था लेकिन दो पार्षदों की जिद के आगे नतमस्तक हुई विधायक के इस फैसले पर खफा हुए अन्य पार्षदों ने पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया है ऐसी चर्चा हो रही है।
     कांग्रेसी सूत्रों के अनुसार गंगापुर नगरपालिका अध्यक्ष दिनेश चंद्र तेली के अध्यक्ष बनने के साथ ही कांग्रेस पार्षदों ने अनुचित लाभ उठाने के लिए दबाव की राजनीति का खेल खेलना शुरू किया जिस पर विधायक गायत्री देवी त्रिवेदी और उनके बेटों द्वारा अंकुश लगाने के बजाय शह देने के परिणामस्वरूप पालिकाध्यक्ष की कुर्सी से वंचित रहे एक पार्षद ने नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई और पार्षदों को गुमराह कर दो बार पालिकाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की कोशिश की लेकिन दोनो बार विफलता का शिकार हुए इस सबसे बड़ा लाभ अर्जित करने वाले इस कढ़ी बिगाड़ पार्षद ने अब ईओ का नया विवाद खड़ा करके कांग्रेस पार्षदों को दो खेमों में विभाजित कर दिया है।
भाजपा से चेयरमैन रहे पूनम महता के कार्यकाल में नियुक्त रहे चुके ईओ गणपत खटीक को स्थाई रूप से पालिका ईओ की नियुक्ति पर आज पालिकाध्यक्ष दिनेश चंद्र तेली सहित कांग्रेस के 7 पार्षदों ने अघोषित बहिष्कार करके विधायक के फैसले को चुनौती दे डाली है जिसका असर आगामी आने वाले दिनों के साथ में विधानसभा चुनावों में साफ तौर पर देखने को मिल सकता है।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार गंगापुर नगरपालिका के इस सारे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी द्वारा सीएम अशोक गहलोत से मिलने का समय मांगा है और संभवतः इसी सप्ताह उन्ही की अगुवाई में विरोध करने वाले पार्षद सामूहिक इस्तीफे देने की प्रबल संभावना जताई जा रही हैं। अब देखना यह है कि इस सारे घटनाक्रम का पटाक्षेप किस खेमें के पक्ष मे होता है।

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