संबंधित एसएमई, एमई, एएमई की स्थानीय स्तर पर समन्वय व सहयोग की जिम्मेदारी तय
जयपुर । प्रमुख शासन सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने बताया कि राइजिंग राजस्थान के माइंस एवं पेट्रोलियम से संबंधित निवेश प्रस्तावों को वर्गीकृत करने के साथ ही क्रियान्वयन के माइल स्टोन तय कर दिए गए है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों को एमओयू करने वाली संस्थाओं से सीधे संपर्क व समन्वय के निर्देश दिए गए हैं ताकि निवेशकों को मार्गदर्शन व सहयोग देते हुए निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लाने की समयवद्ध प्रयास हो सके। उन्होंने कहा कि निवेश प्रस्तावों को अमली जामा पहनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
प्रमुख सचिव माइंस टी. रविकान्त गुरुवार को सचिवालय में माइंस व पेट्रोलियम विभाग से संबंधित निवेश प्रस्तावों की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे। राइजिंग राजस्थान के दौरान हस्ताक्षरित विभाग के निवेश प्रस्तावों को ए, बी और सी केटेगरी में वर्गीकृत करते हुए क्रियान्वयन की कार्ययोजना तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को ऐसी रणनीति तैयार करने को कहा गया है जिसमें ए कैटेगरी के प्रस्तावों को पुश करने और बी केटेगरी प्रस्तावों पर विशेष जोर दिया जाएं ताकि निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लाने के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सके।
रविकान्त ने एमओयू प्रस्तावों की नियमित मोनेटरिंग पर जोर देते हुए जिला स्तरीय प्रस्तावों के लिए अधीक्षण खनि अभियंता, खनि अभियंता और सहायक खनि अभियंताओं से आज ही संयुक्त सचिव माइंस मती आशु चौधरी, नोडल अधिकारी महावीर प्रसाद मीणा और संजय सक्सैना को वर्चुअली बैठक कर विभागीय रणनीति से अवगत कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन के लिए समन्वित प्रयासों के साथ ही प्रभावी मोनेटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
संयुक्त सचिव माइंस आशु चौधरी ने राज्य व जिला स्तर के एमओयू प्रस्तावों की विस्तार से जानकारी दी।विभागीय नोडल अधिकारी अतिरिक्त निदेशक महावीर प्रसाद मीणा और सह प्रभारी संजय सक्सैना ने हस्ताक्षरित निवेश प्रस्ताव, मुख्यमंत्री स्तर, मुख्य सचिव स्तर और प्रमुख सचिव माइंस स्तर पर मोनेटरिंग के प्रस्ताव और विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई की जानकारी दी। अतिरिक्त निदेशक पेट्रोलियम अजय शर्मा ने पेट्रोलियम सेक्टर के निवेश प्रस्तावों की जानकारी दी। इस अवसर पर बैठक में ओएसडी कृष्ण शर्मा, एसजी सचिवालय सुनील कुमार वर्मा और पेट्रोलियम उपनिदेशक रोहित मल्लाह ने भी हिस्सा लिया।