बीकानेर। विधानसभा चुनावों का समय जैसे-जैसे पास आता जा रहा है। वैसे-वैसे भाजपा गहलोत सरकार के खिलाफ आक्रामक रणनीति के तहत काम कर रही हैं। पिछले माह बीजेपी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जयपुर में सचिवालय का घेराव किया। वहीं जून माह के अंतिम तीन दिन लगातार केन्द्रीय नेताओं के दौरे राजस्थान में हुए। वहीं अब जुलाई को लेकर भी भाजपा का प्लान तैयार है। प्लान के तहत बीजेपी गहलोत सरकार के खिलाफ पोल खोल अभियान चलाएगी। इसमें भाजपा गहलोत सरकार की उन योजनाओं की पोल खोलेगी। जिसमे सरकार ने संबंधित वर्ग को राहत देने का दावा किया हैं। इसकी शुरुआत 5 जुलाई को बीकानेर में लंपी रोग से अपने पशुओं को गंवाने वाले पशुपालकों के साथ होगी। भाजपा पशुपालकों का सम्मेलन आयोजित करके सरकार के उस दावें की पोल खोलना चाहती है। जिसमें सरकार ने लंपी से अपने पशु गंवाने वाले पशुपालकों को 40-40 हज़ार रुपए देने का दावा किया हैं।
-दस लाख पशुओं की हुई मौत
भाजपा ने दावा किया है कि लंपी रोग में करीब 10लाख पशुओं की मौत हुई थी। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ का कहना है कि विधानसभा में सरकार ने खुद माना है कि प्रदेशभर में लंपी रोग से मारे गए करीब 5लाख 13 हज़ार पशुओं को ग्राम पंचायतों ने वैज्ञानिक तरीके से दफनाया हैं। जिसका पुर्नभरण सरकार कर रही हैं। लेकिन अब सरकार किसान महोत्सव करके केवल 41 हज़ार पशुपालकों को 40-40 हज़ार रुपए का मुआवज़ा दे रही हैं। ऐसे में सरकार मदद के नाम पर केवल दिखावा कर रही हैं। एक तरफ तो सरकार कह रही है कि ग्राम पंचायतों में मारे गए 5लाख 13 हज़ार पशुओं को ग्राम पंचायत ने दफनाया हैं। अब या तो ग्राम पंचायतों ने झूठे आकड़ें बताकर पैसा उठाया है, या फिर सरकार लंपी में मारे गए पशुओं के कम आकड़ें बता रही हैं।
बीकानेर में होगा पशुपालकों का सम्मेलन
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि हम जुलाई माह में सरकार के खिलाफ पोल खोल अभियान की शुरुआत 5 जुलाई को बीकानेर से करेंगे। यहां हम उन पशुपालकों का सम्मेलन करेंगे। जिनके पशु लंपी रोग में मारे गए थे। ऐसे पशुपालकों का सम्मेलन करके हम सरकार की पोल खोलेंगे। प्रदेश की जनता को बताएंगे कि गहलोत सरकार केवल राहत देने का दिखावा करती हैं। राठौड़ ने कहा कि सरकार ने बजट में कामधेनू फसल बीमा योजना की घोषणा की थी। जिसमें सरकार ने प्रत्येक परिवार में दो-दो दुधारू पशुओं का मुफ्त बीमा करने की घोषणा की थी। जिसके चलते राहत कैंप में 90 लाख पशुपालकों ने रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया। लेकिन अभी तक सरकार ने बीमा कंपनी का चयन भी नहीं किया हैं।