सवाई माधोपुर । जन्म मृत्यु अधिनियम न्यायदर्श पंजीयन प्रणाली की समीक्षा बैठक संयुक्त महारजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) एवं निदेशक जनगणना कार्य विष्णु चरण मल्लिक की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट सभागार में गुरूवार को आयोजित हुई।
संयुक्त महारजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) एवं निदेशक जनगणना कार्य ने बताया कि सवाई माधोपुर में जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन, मृत्यु के कारणों के चिकित्सकीय प्रमाणीकरण योजना एवं न्यायदर्श पंजीयन के आंकड़ों के विषलेशण के संबंध में बुलाई गई है। उन्होंने बताया कि जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन के आंकड़े केवल जन्म व मृत्यु की घटनाओं की गणना मात्र नहीं है। अपितु जन्म-मृत्यु के आंकड़े केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा बनाई जाने वाली कल्याणकारी योजनाओं का मुख्य आधार है।
मृत्यु की प्रत्येक घटना का चिकित्सकीय प्रमाणीकरण नितान्त आवश्यक है। जिससे सरकार को यह मालूम हो सके कि किस विशेष क्षेत्र में कौनसी बीमारी से ज्यादा मौते होती हैं ताकि उसी से संबंधित चिकित्सकों की नियुक्ति की जा सकें और बीमारी पर नियंत्रण करने में मदद् मिल सकें। उन्होंने कहा कि जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन के लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त करने एवं सभी मृत्यु के एमसीसीडी सर्टिफिकेट जारी करने हेतु विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। इस संबंध में सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करते हुए सामुहिक प्रयास करना चाहिए।
बैठक में जिला कलक्टर सुरेश कुमार ओला, अतिरिक्त जिला कलक्टर डॉ. सूरज सिंह नेगी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक खन्ना, उप निदेशक रूबी अंसार, मुख्य आयोजना अधिकारी बाबूलाल बैरवा, सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक अजय बैरवा, जन गणना विभाग के उप निदेशक पुनित मेहरोत्रा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।