धौलपुर। आपदा प्रबंधन समिति की बैठक जिला कलक्टर निधि बी टी की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि वर्षा ऋतु के दौरान अतिवृष्टि एवं संभावित बाढ़ की रोकथाम के लिए पूर्व से ही समस्त व्यवस्थाएं पूर्ण कर लें। जिला कलक्टर ने आपदा प्रबन्धन एवं वर्षा ऋतु के दौरान अतिवृष्टि एवं संभावित बाढ़ के दौरान बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों से आपदा आने पर रोकथाम व बचाव के बारे में विभागवार जानकारी लेकर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे व्यक्तिगत रुचि लेते हुए आपदा से सम्बन्धित की गई तैयारियों का जायजा लेकर कार्य करें। आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन से सम्बन्धित विभाग नियंत्रण कक्ष स्थापित करें। आगामी मानसून के मध्यनजर अतिवृष्टि/बाढ से बचाव की आवश्यक तैयारियों के संबंध में निर्देश दिये कि जिला जिला स्तरीय अधिकारी अनुमति लेकर ही मुख्यालय छोडें। स्टाफ को भी अनावश्यक छुट्टियां न दें। आपसी समन्वय रखकर कार्य करें। बाढ़ से प्रभावित होने वाले सम्भावित गांव ढांणियों की सूचना एकत्रित कर जिला मुख्यालय को भिजवायें। तहसीलदार, उपखण्ड अधिकारी सम्भावित क्षेत्रा का दौरा करलें जिससे राहत कार्यों में आसानी रहे। आवश्यक दूरभाष नम्बर तथा राहत कार्यों से संबंधित कार्मिकों के नाम पते उपलब्ध रहे। जिले में वर्षा नहीं होने के बावजूद भी चम्बल नदी के ऊपरी क्षेत्रों में अधिक वर्षा के फलस्वरूप बाढ़ के हालात बन जाते हैं जिससे निपटने के लिए आवश्यक तैयारियां रखें। प्रभावित लोगों को ठहरने, भोजन, दवाईयां, उपचार आदि का प्रबन्ध रखें। गोताखोर, टॉर्च, रस्सी, पानी निकालने के लिए पम्पसैट, डीजल, पैट्रोल, रसोईगैस, कैरोसीन आदि का पर्याप्त रिर्जव स्टॉक रखवाने की व्यवस्था के निर्देश दिये। इस दौरान लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए व्यवस्था करने, जल स्त्रोतो की सारसभाल एवं सुरक्षा के इन्तजाम करने तथा विद्युत की लाईनों की मरम्मत आदि की पुख्ता व्यवस्था के साथ ही समय पर विद्युत की आपूर्ति व आवश्यकता पड़ने पर विद्युत आपूर्ति रोकने के निर्देश दिये। नगर परिषद एवं नगर पालिकाओं में नालों की साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। पशुओं के उपचार, चारे की व्यवस्था एवं मृत पशुओं के शवों का निस्तारण करने के सम्बन्ध में भी निर्देश दिये। सार्वजनिक निर्माण विभाग अधीक्षण अभियन्ता को निर्देश देते हुए जिले के सम्भावित बाढ़ प्रभावित नदी एवं नालों एवं सड़कों के दोनो ओंर लोहे के पिलर लगाकर चैन लगाने की व्यवस्था की जाये ताकि आपदा के समय यातायात रोका जा सके। इसके अतिरिक्त रपट वाले स्थानों पर नदी एवं नालों के दोनो ओंर भी चेतावनी बोर्ड लगाये जाना सुनिश्चित करें तथा सड़क मार्ग से गुजरने वाले नदी नाले रपट आदि पर होकर वर्षा का पानी बह रहा हो तो चिन्हित कर दोनों और साइन बोर्ड लगाकर यातायात प्रतिबंधित किया जावे। भी उपखण्ड अधिकारी बाढ़ एवं अतिवृष्टि से निपटने के लिए पूर्व तैयारी के सम्बंध में अपने स्तर पर बैठक आयोजित करें एवं पंचायतों में सिंचाई विभाग से प्राप्त खाली कट्टो में मिट्टी भरकर ऐसे स्थानों पर रखवायें जहॉं बाढ़ का पानी भरने की सम्भावना हो। उन्होने कहा कि सभी सम्बंधित विभाग अपने-अपने विभाग का बाढ़ नियन्त्रण कक्ष स्थापित कर नोडल अधिकारी की नियुक्ति के साथ उनके नाम, पदनाम, दूरभाष नम्बर भिजवाना सुनिश्चित करेंगे। बैठक में सम्बंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए सजग रहकर कार्य करें- जिला कलक्टर
ram