क्या राहुल गांधी संसद जा सकेंगे , क्या होगा उसका I.N.D.I.A. पर असर ?

ram

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत का पूरा मतलब स्पष्ट  है ।  राहुल गांधी को दोषी करार देने वाले गुजरात की निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाए जाने से उनकी संसद सदस्यता बहाल किए जाने का रास्ता भी साफ हो गया है? यह सवाल इसलिए उठ रहा था  क्योंकि राहुल गांधी की संसद सदस्यता 23 मार्च 2023 को निचली अदालत द्वारा 2 साल की अधिकतम सजा सुनाए जाने के कारण ही रद्द हुई थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की दोष सिद्धि यानी दोषी करार दिए जाने पर ही रोक लगा दी है, तो अब आगे का रास्ता क्या होगा?

सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार के आदेश का मतलब यह है कि अब राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द किए जाने का वैधानिक आधार ही खत्म हो चुका है। ऐसा इसलिए क्योंकि मानहानि के मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने की वजह से ही राहुल गांधी जन प्रतिनिधित्व कानून  के दायरे में आए थे और उनकी संसद सदस्यता अपने आप समाप्त मान ली गई थी। 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी करके कहा था कि राहुल गांधी दोषी ठहराए जाने की तारीख यानी 23 मार्च 2023 से ही संसद सदस्यता के अयोग्य हो गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने शुक्रवार के आदेश में भी इस बात का जिक्र किया है कि अगर लोअर कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल से एक दिन भी कम सजा दी होती, तो उन पर जन प्रतिनिधित्व कानून लागू नहीं होता यानी उनकी संसद सदस्यता रद्द नहीं होती। संसद में उनकी अयोग्यता का आधार निचली अदालत द्वारा दोषी करार देकर दो साल की सजा सुनाया जाना था। लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने दोष सिद्धि पर ही रोक लगा दी है, तो सांसद के तौर पर उन्हें अयोग्य साबित करने का अब कोई आधार नहीं रह गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने ‘लोक प्रहरी बनाम भारत सरकार’  के केस में 2018 में सुनाए गए अपने फैसले में कहा था कि अगर ऊपरी अदालत ने दोष सिद्धि पर स्टे लगा दिया, तो ऐसी रोक लगाए जाने की तारीख से ही अयोग्यता का पुराना फैसला बेअसर हो जाएगा। इस फैसले को सामने रखकर देखें तो राहुल गांधी की संसद सदस्यता खारिज किए जाने का फैसला शुक्रवार 4 अगस्त 2023 से ही बेअसर हो जाना चाहिए।

होना तो ऐसा ही चाहिए। हालांकि इससे पहले लोकसभा सचिवालय को राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म करने वाले पिछले नोटिफिकेशन को रद्द करना होगा। इसके साथ ही सांसद के तौर पर राहुल गांधी को मिलने वाली सुविधाएं और विशेषाधिकार भी बहाल हो जाएंगे। गौरतलब है कि संसद सदस्यता खत्म होने के बाद राहुल गांधी से उनका बंगला भी खाली करवा लिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब राहुल गांधी के लोकसभा क्षेत्र वायनाड (केरल) में उप-चुनाव कराए जाने का कोई आधार नजर नहीं रह गया है। लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने वाले नोटिफिकेशन को भले ही अब तक औपचारिक रूप से रद्द नहीं किया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रोक ने सांसद के तौर पर उनकी अयोग्यता के आधार को खत्म कर दिया है। ऐसे में वायनाड की लोकसभा सीट पर दोबारा चुनाव कराए जाने का कोई औचित्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपने ताजा आदेश में भी कहा है कि राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाए जाने का व्यापक असर सिर्फ उनके सार्वजनिक जीवन पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि इससे उनके चुनाव क्षेत्र के मतदाताओं के अपना प्रतिनिधि चुनने के अधिकार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में भी हलचल मचा दी है। चूंकि, अब तक विपक्ष में  प्रधानमंत्री पद का चेहरा तय नहीं हो सका है। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी तय नहीं हुआ है। मुंबई में विपक्ष की तीसरी बड़ी बैठक होनी है। इसमें गठबंधन के संयोजक की नियुक्ति के लिए 11 सदस्यीय कमेटी का ऐलान किया जाना है। इसी बैठक में अलग –  अलग मुद्दों के समाधान के लिए विशिष्ट कमेटी गठित होगी। राहुल गांधी मामले में गुजरात हाई कोर्ट से राहत ना मिलने से कांग्रेस भी पीएम फेस को लेकर ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही थी। गठबंधन को लेकर फॉर्मूले और समझौते के लिए भी पीछे हटते नहीं दिख  रही थी। लेकिन, अब सुर और ताल दोनों में बदलाव देखे जाने की संभावना बढ़ गई है।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A को लेकर नए सिरे से  रणनीति बना सकती है। बेंगलुरु की बैठक में ममता बनर्जी ने पीएम फेस के लिए राहुल गांधी का नाम आगे बढ़ाया था। ममता ने  कहा था कि राहुल हमारे पसंदीदा नेता हैं। हालांकि, तब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह कहते हुए टाल दिया था कि  कांग्रेस को सत्ता का लोभ नहीं है। अब चूंकि, सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है तो कांग्रेस भी एक्टिव हो गई है। यही वजह है कि SC के फैसले के कुछ देर बाद ही लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी शुक्रवार को स्पीकर के पास पहुंच गए और राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल  करने की मांग की। स्पीकर ने आश्वासन दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निर्णय लिया जाएगा। वहीं, विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों की बात करें तो राहुल गांधी को लेकर कुछ सदस्यों में स्वीकार्यता नहीं देखी जाती रही है। जून में पटना की बैठक हो या जुलाई में बेंगलुरु की मीटिंग में  निजी तौर पर कई विपक्षी नेता राहुल को एकजुट विपक्ष के चेहरे के रूप में पेश करने से सावधानी बरतते दिखे हैं। खुद ममता बनर्जी की पार्टी के नेताओं के बयान देकर माहौल में सरगर्मियां बढ़ाई हैं।

इतना ही नहीं, राहुल के बयानों से भी I.N.D.I.A में शामिल दलों ने खुलकर आपत्ति जताई है। महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी वीर सावरकर को लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी के स्टैंड पर ऐतराज जता चुकी है। हाल ही में उद्धव ठाकरे ने तो  यहां तक कह दिया था कि अगर राहुल गांधी इसी तरह सावरकर का अपमान करते रहे तो विपक्ष की एकता में दरार’ आ जाएगी। जबकि कांग्रेस लगातार राहुल गांधी की छवि चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। कांग्रेस का कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा  के बाद राहुल की छवि में काफी सुधार हुआ है। सोशल मीडिया पर राहुल को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। उनकी लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ती जा रही है। कांग्रेस के कुछ नेताओं का तो यह भी दावा है कि पिछले कुछ महीनों में राहुल की सोशल मीडिया  पोस्ट पर पीएम मोदी के मुकाबले ज्यादा रिएक्शन आ रहा है।

विपक्षी एकजुटता के अगुवाकार नीतीश कुमार भी प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी छोड़ चुके हैं। नीतीश का कहना है कि वो भाजपा को हटाने के लिए सभी दलों को साथ लाए हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा है कि चेहरा सामने लाने से विपक्षी एकजुटता की  मुहिम को नुकसान होगा। बाकी अन्य नेता भी चेहरा तय करने के लिए तैयार नहीं हैं। वहीं, कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी का  चेहरा आगे किया जा रहा है। इसके पीछे क्या वजह है, क्या रणनीति है? यह तो आने वाले वक्त में साफ हो सकेगा। लेकिन, इतना तय है कि कांग्रेस राहुल के नाम पर किसी हाल में बैक होने के मूड़ में नहीं है।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया केवल इतना कहा कि आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों सच्चाई की जीत होती है, मगर जो भी हो मेरा रास्ता तो साफ़ है। मुझे क्या करना है, मेरा क्या काम है? उसके बारे में मेरे दिमाग़ में बिल्कुल स्पष्टता है। जिन लोगों ने हमारी मदद की और जनता ने जो अपना प्यार और समर्थन दिया उसके लिए मैं बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *