पाकिस्तान और चीन की दोस्ती किसी से छुपी हुई नहीं हैं। पाकिस्तान को चीन ने कर्ज दे-देकर आर्थिक रुप से देश पर अपना अप्रत्यक्ष कब्जा कर रखा है। चीन बीजिंग में बैठकर पाकिस्तान की सरकार से जुड़े फैसले भी करता हैं। पाकिस्तान चीन के कर्ज में पूरी तरह से डूब चुका हैं। ऐसे में पाकिस्तान ने जिन आतंकियों को अपने देश में पनाह दी थी अब वही आतंकी शहबाज सरकार के सिर का दर्द बन चुके है।
पाकिस्तान सरकार की नाक में आतंकियों ने दम कर दिया हैं। हाल ही में पाकिस्तान की पनाह में पनपे आतंकियों ने चीनी नागरिकों को अपना निशाना बनाया है। चीन और पाकिस्तान की दोस्ती आतंकियों से देखी नहीं जा रही हैं। ऐसे में तीन बार चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं पर काम करने वाले चीनी व्यक्तियों और अन्य को आतंकियों ने निशाना बनाया हैं। अब इन हमलों को लेकर चीन काफी ज्यादा चिंता में हैं कि क्या पाकिस्तान में इतना निवेश करके उसने सही किया या गलत। पाकिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए चीन पाकिस्तान में अपनी सैन्य सुरक्षा को भेज सकता हैं।
चीन ने पाकिस्तान से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हाल ही में चीनी नागरिकों पर हुए आत्मघाती हमले के लिए पूरी तरह से जांच करने और दोषियों का पता लगाने के लिए कहा है, इन अटकलों के बीच कि बीजिंग इस्लामाबाद पर सीपीईसी परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए अपनी सुरक्षा एजेंसियों को स्वीकार करने के लिए दबाव डाल सकता है। पिछले कुछ दिनों में चीन के इंजिनीयर्स पर कई हमले हो चुके हैं।
हमले, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम पांच चीनी नागरिकों की मौत हो गई, ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं पर काम करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने अपराधियों को जवाबदेह ठहराने और न्याय सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “चीन पाकिस्तान से जल्द से जल्द घटना की पूरी जांच करने, अपराधियों की तलाश करने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए कहता है।” चीनी परियोजनाओं पर बढ़ते हमलों के बावजूद, चीन ने पाकिस्तान के प्रति अपने समर्थन की पुष्टि की और आतंकवाद से निपटने के लिए उनके संयुक्त प्रयासों में विश्वास व्यक्त किया। लिन ने कहा, “हमारे दोनों देश सदाबहार रणनीतिक सहयोगी साझेदार हैं। हमारी लौह मित्रता दोनों देशों के लोगों में गहराई से निहित है। चीन-पाकिस्तान सहयोग को नुकसान पहुंचाने का कोई भी प्रयास कभी सफल नहीं होगा।”