डीओजीई की स्थापना के 69 दिनों बाद ही रामास्वामी क्यों हो गए आउट?

ram

अमेरिका के ‘डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी’ (DOGE) का जिम्मा अब सिर्फ एलन मस्क के हाथों में होगा। कहा जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सबसे नए विश्वासपात्र एलन मस्क ने विवेक रामास्वामी को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओजीई) टीम से उसकी स्थापना के 69 दिन बाद ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है। विवेक रामास्वामी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की अध्यक्षता नाले इस आयोग का हिस्सा नहीं होंगे। हालंकि डीओजीई से बाहर होने की वजह ट्रंप की नाराजगी बताया जा रहा है। दोनों में मतभेद की बातें आ रही थी। रामास्वामी कंजर्वेटिव से सोशल मीडिया पर एच-1बी वीजा को लेकर उलझ रहे थे और यह बात ट्रंप को पसंद नहीं आई थी। विवेक रामास्वामी ने दिसंबर में वर्तमान एच1-बी प्रक्रिया की फिर से आलोचना की थी, इसे ब्रोकन लॉटरी सिस्टम बताया था। इसकी तुलना दासता तक से कर दी थी। रामास्वामी ने दिसंबर के महीने में ट्वीट किया था कि मैं लंबे समय से कहता आ रहा हूं कि मौजूदा एच-1बी प्रणाली खराब हो गई है और इसे खत्म करने की जरूरत है।’ उन्होंने लॉटरी-आधारित प्रणाली को योग्यता-संचालित दृष्टिकोण से बदलने का प्रस्ताव दिया, और जोर देकर कहा कि इसे सर्वश्रेष्ठ में से सर्वश्रेष्ठ के चयन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि टेक कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को इसलिए नियुक्त करती हैं क्योंकि देश में ‘उत्कृष्टता की अपेक्षा सामान्यता को ज्यादा महत्व दिया जाता है। एच1-बी वीजा प्रणाली पर भारतीय-अमेरिकी नेता की टिप्पणियों पर रिपब्लिकन हलकों में नाराजगी बढ़ रही थी। दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति मस्क के करीबी सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर पोलिटिको को बताया कि पिछले महीने ट्रम्प की चुनाव जीत के बाद देश में एच1-बी वीजा प्रणाली की आलोचना करने वाले ट्वीट्स की भरमार के कारण परेशान टेस्ला सीईओ रामास्वामी को बाहर करना चाहते थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *