कहा जाता है कि इजरायल के दुश्मन पाताल में भी छुप जाते तो मोसाद उन्हें ढूढ़ लाती। म्यूनिख में ओलंपिक की घटना के बाद 1972 में ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड चलाया था। इजरायली एजेंट्स टारगेट को कुछ दिन पहले एक गुलदस्ता भेजते थे। इस गुलदस्ते के साथ एक कार्ड भी होता था, जिसमें लिखा होता था- ‘हम न भूलते हैं, न माफ करते हैं। अब ऐसा ही कुछ कारनामा इजरायल की तरफ से एक बार फिर से किया गया है जिससे दुनिया भी हैरान है। पिछले दस महीने से इजरायल को जिस पल की तलाश थी, वो आ गई। 24 घंटे के अंदर इजरायल ने अपने दो बड़े दुश्मनों को ढेर कर दिया। ईरान की राजधानी तेहरान से हमास के राजनीतिक चीफ इस्माइल हानिया की मौत की खबर सामने आई। वहीं मजदल शम्स में बच्चों की हत्या और कई अन्य इजरायली नागरिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार कमांडर पर बेरूत में टारगेटेड अटैक किया। बता दें कि पजेश्कियान अभी शपथ लेकर कुर्सी पर बैठे ही थे कि इतनी बड़ी घटना हो गई। हानिया ईरान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के लिए तेहरान में मौजूद था। लगातार मोसाद और इजरायल की टीम उसे टारगेट कर रही थी।
ईरान के अर्धसैनिक बल ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ ने कहा कि वह हनियेह की हत्या की जांच कर रहा है। उसने यह नहीं बताया कि हत्या कैसे हुई और हनियेह को किसने मारा। फिलहाल किसी ने भी हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इसका शक इजराइल पर है, जिसने सात अक्टूबर को देश में हुए अप्रत्याशित हमले को लेकर हनियेह और हमास के विभिन्न कमांडरों को मारने का संकल्प लिया था।

हम न भूलते हैं, न माफ करते हैं…24 घंटे में इजरायल ने अपने 2 बड़े दुश्मनों को कैसे किया ढेर?
ram