छोटे भाई से परेशान था, कार से रौंदकर हत्या करवाई:जयपुर में बड़े भाई ने मर्डर के लिए दी सुपारी, एक्सीडेंट दिखाने के लिए सड़क पर शव छोड़ा

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जयपुर में गाड़ी से कुचलकर युवक की हत्या के मामले में पुलिस ने मृतक के बड़े भाई और दोस्त को गिरफ्तार किया है। डर और तंगी से परेशान होकर भाई ने ही हत्या की प्लानिंग रची। प्लानिंग के तहत बदमाशों को सुपारी दी। गाड़ी से कुचलकर हत्या की। फिर एक्सीडेंट दिखाने के लिए शव सड़क पर छोड़ दिया। पुलिस फिलहाल मामले में हायर किए बदमाशों की तलाश में जुटी है। DCP (साउथ) योगेश गोयल ने बताया- 26 अगस्त को सुबह एक अज्ञात व्यक्ति का शव जयपुर के गोपीरामपुरा रोड पर पड़ा मिला। उसके दाएं हाथ पर KMC लिखा था। इसके आधार पर मृतक की पहचान कृष्ण मोहन उर्फ गणेश चौधरी (30) पुत्र रामप्रसाद चौधरी के रूप में हुई। जो निमोडिया चाकसू का रहने वाला था। कपड़े शरीर से अलग होकर अलग-अलग जगहों पर पड़ थे। शर्ट का बटन भी टूटा हुआ था। शरीर पर काफी चोट के निशान थे। शक हुआ कि ये रोड एक्सीडेंट नहीं है। FSL टीम को बुलाकर सबूत जुटाए गए। पुलिस ने महात्मा गांधी हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ हत्या का खुलासा घटना के बाद मृतक के बड़े भाई हनुमान प्रसाद चौधरी की शिकायत दर्ज करवाई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर पुलिस का शक हकीकत में बदल गया। डॉक्टर्स ने पुलिस को बताया- मृतक के 4 गंभीर चोट हैं। 2 चोट एक्सीडेंट की वजह से आई। जबकि 2 चोट वाहन के अलग-अलग एंगल से बॉडी पर चढ़े टायरों के कारण आई है। पुलिस ने बताया- गाड़ी से टक्कर मारने के बाद बॉडी को टायरों से रौंद कर कृष्ण मोहन की हत्या की गई। रोड एक्सीडेंट दिखाने के लिए प्लानिंग के तहत ऐसा किया गया। बड़े भाई पर गया हत्या का शक SHO (शिवदासपुरा) दौलतराम ने बताया- मृतक नशे का आदी था। उसके खिलाफ चोरी के मामले दर्ज थे। जांच के दौरान मृतक के बड़े भाई हनुमान प्रसाद के व्यवहार को संदिग्ध देखकर DST के हेड कॉन्स्टेबल राम सिंह को शक हो गया। बार-बार पुछताछ के लिए बुलाने पर भी अंतिम संस्कार के चलते आनाकानी करने लगा। दबाव बनाकर बुलाकर सख्ती से पूछताछ में उसने छोटे भाई गणेश की दोस्त विजय कुमार के साथ मिलकर हत्या करना स्वीकार किया। पुलिस ने मर्डर में आरोपी बड़े भाई हनुमान प्रसाद चौधरी (32) निवासी निमोडिया चाकसू और दोस्त विजय कुमार शर्मा (31) पुत्र शंकर लाल शर्मा निवासी पीपलू टोंक को अरेस्ट किया। तंगी से पूरी तरह टूट चुका था पूछताछ में हनुमान प्रसाद ने बताया- वह महात्मा गांधी हॉस्पिटल में प्राइवेट जॉब करता है। इसके अलावा आय का कोई दूसरा स्त्रोत नहीं है। घर में दोनों भाइयों के अलावा उसकी पत्नी, बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता रहते हैं। बुजुर्ग माता-पिता का भी इलाज उसे ही करवाना पड़ता है। गणेश की शादी हुई हुई थी। नशे का इतना आदी हो गया था कि रोज एक हजार-डेढ़ हजार रुपए खर्च कर देता था। नशे के इंजेक्शन लगाता था। समझाने के बाद भी का उस पर कोई असर नहीं हुआ। न तो कोई काम करता था और न घर की कोई जिम्मेदारी समझता था। पैसे नहीं देने पर गांव में चोरियां भी कर लेता था। मरने से बचने के लिए मारना पड़ा रुपए नहीं देने पर बुजुर्ग माता-पिता और उसके साथ मारपीट करता था। कुल्हाड़ी लेकर जान से मारने की धमकियां देता था। डर के मारे रात को परिवार कमरे को अंदर से बंद कर सोता था। डर-तंगी से परेशान होकर छोटे भाई की हत्या करना ही आखिरी रास्ता दिखा। उसने हॉस्पिटल में साथ काम करने वाले दोस्त विजय कुमार शर्मा को अपनी परेशानी बताई। महीनेभर से कर रहे थे मर्डर की प्लानिंग दोस्त विजय कुमार शर्मा के साथ मिलकर हनुमान चौधरी मर्डर का प्लान बना रहे थे। करीब एक महीने से वह छोटे भाई गणेश की हत्या की फिराक में थे। मर्डर करने का तरीका नहीं मिलने के चलते परेशान भी थे। इस दौरान उन्होंने गणेश की हत्या के लिए कातिलों को हायर किया। उनके साथ मिलकर छोटे भाई गणेश के मर्डर का प्री-प्लान बनाया गया। 25 अगस्त की देर रात गणेश नशे में घर लौट रहा था। प्लानिंग के तहत हायर बदमाशों से हनुमान और विजय ने कॉन्टैक्ट किया। घर लौटते समय हायर बदमाशों ने स्कॉर्पियों गाड़ी से गणेश को टक्कर मारकर रोड पर गिरा दिया। अलग-अलग एंगल से बॉडी पर टायर चढ़ाकर हत्या कर फरार हो गए।

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