प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ई. सी. सी. ई.) आधारित दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण आयोजितÓÓग्रोथ मॉनिटरिंग के लिए बहुत जरुरी है सही डेटा एंट्री – शासन सचिव महिला एवं बाल विकास

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जयपुर। महिला एवं बाल विकास शासन सचिव महेन्द्र सोनी के मुख्य आतिथ्य में एवं आईसीडीएस निदेशक ओपी बुनकर की उपस्थिति में मंगलवार को इंदिरा गाँधी पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में महिला एवं बाल विकास विभाग (निदेशालय समेकित बाल विकास सेवाएं) की ओर से प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ई. सी. सी. ई.) आधारित दो दिवसीय जिला स्तरीय समूह (क्त्ळ) का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। शासन सचिव महेन्द्र सोनी ने प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र में कहा कि विभाग के सुदृढ़ीकरण के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का काम किया जाना चाहिए। आईसीडीएस सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बेसलाइन डेटा की सही होना अत्यंत आवश्यक है। इसके आधार पर ही बेहतर योजनाओं का निर्माण होता है तथा ग्राउंड पर वास्तविक रूप में समस्याओं का समाधान भी संभव हो पाता है। उन्होंने कहा कि जब तक डेटा एंट्री उचित रूप से वास्तविक आधार पर नहीं की गई हो तब तक ग्रोथ मॉनिटरिंग सही रूप में नहीं हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सही डेटा एंट्री नितांत रूप से आवश्यक है।

शासन सचिव ने कहा कि विभाग में किसी भी योजना में 10 दिन से ज्यादा पुराना कोई भी प्रकरण लंबित न रहें, इस प्रतिबद्धता से कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे कर्मियों के मानदेय का भुगतान नियमित रूप से हो अधिकारी यह सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्मिक को सेवा के प्रति अपडेट करते हैं। इस अवसर पर निदेशक ओ पी बुनकर ने कहा कि कोई भी प्रशिक्षण यदि दो तरफा होता है तो ही वह उपयोगी होता है। उन्होंने कहा कि जिला स्तर के अधिकारियों को मॉनिटरिंग में सुधार करना चाहिए। पोषण ट्रेकर पोर्टल की नियमित निगरानी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चें आंगनबाडी आने को उत्सुक हो और पूरी संख्या में आंगनबाडी आये तब जाकर इस प्रकार के प्रशिक्षण अपने उद्देश्य की प्राप्ति में सफल होंगे।शासन सचिव महेन्द्र सोनी तथा निदेशक ओ पी बुनकर द्वारा इस अवसर पर आधारशिला पाठ्यक्रम पर आधारित नवीन ईसीसीई सामग्री , साप्ताहिक ईसीसीई कैलेंडर, सेक्टर हैन्डबुक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हेतु इन्द्रधनुष पुस्तक की लॉन्चिंग की गई। प्रशिक्षण के प्रारम्भ में यूनिसेफ शिक्षा निदेशक एवं विशेषज्ञ अमृता सेनगुप्ता ने प्रशिक्षण की रूपरेखा और उद्देश्य से अवगत कराया।

Óप्रारंभिक देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई)Ó-
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को खेल के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर प्रारंभिक देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) जा रही है। जिससे कि उक्त आयु वर्ग के बच्चों को औपचारिक स्कूल शिक्षा के लिए तैयार किया जा सके। भारत सरकार द्वारा 3 से 6 साल के बच्चों के लिए नवीन पाठ्यक्रम आधारशिला पर निर्मित सामग्री के बेहतर क्रियान्वयन हेतु विभागीय अधिकारियों एवं महिला पर्यवेक्षकों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का क्षमतावर्धन प्रशिक्षण अनिवार्य है। इसके लिए राज्य स्तरीय दो दिवसीय प्रशिक्षण दिनांक 27 व 28 मई को एसआरजी प्रशिक्षण (एसआरजी) का आयोजन करवाया जा चुका है। इसी क्रम में उक्त दो दिवसीय जिलास्तरीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। उपनिदेशक (आईईसी) डॉ. धर्मवीर द्वारा विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के समन्वय में उक्त प्रशिक्षण का संचालन किया जा रहा है।

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