सहकार से समृद्धि की समीक्षा बैठक- क्रियान्विति में पिछड़ रहे जिलों पर करें विशेष फोकस, निरन्तर सक्रियता से कार्य कर अपेक्षित परिणाम करें हासिल, वास्तविक और एनसीडी पोर्टल पर उपलब्ध डेटा का अंतर किया जाए दूर – प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारिता

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जयपुर। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल ने कहा कि अधिकारी तत्परता से कार्य करते हुए ‘सहकार से समृद्धिÓ के अंतर्गत राज्य में क्रियान्वित की जा रही पहलों में अपेक्षित प्रगति सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि क्रियान्विति में पिछड़ रहे जिलों पर विशेष रूप से फोकस करते हुए उनसे प्रगति की नियमित रिपोर्ट ली जाए। साथ ही, आवश्यक होने पर इन जिलों के लिए प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति भी की जाए। राजपाल मंगलवार को नेहरू सहकार भवन में ‘सहकार से समृद्धिÓ के अंतर्गत क्रियान्वित की जा रही पहलों की प्रगति की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि अधिकारी निरन्तर सक्रियता दिखाते हुए अपेक्षित परिणाम हासिल करें। उन्होंने पैक्स कम्प्यूटराइजेशन के कार्य में गति लाने तथा गो-लाइव हो चुकी पैक्स को हैण्ड-होल्डिंग सर्टिफिकेट यथाशीघ्र जारी करने के निर्देश दिए। राजपाल ने कहा कि वास्तविक डेटा एवं एनसीडी पोर्टल पर उपलब्ध डेटा में अंतर को दूर करने के लिए नई गठित पैक्स का अविलम्ब रजिस्ट्रेशन करते हुए उन्हें फंक्शनल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि गो-लाइव हो चुकी सभी पैक्स की ई-ऑडिट करवाई जाए। बैठक में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि अब तक 5,154 पैक्स गो-लाइव हो चुकी है तथा 603 पैक्स की ऑनलाइन ऑडिट सम्पन्न हो चुकी है।

प्रमुख शासन सचिव ने नवीन डेयरी को-ऑपरेटिव सोसायटी के गठन की प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इस संबंध में संभाव्यता का आकलन कर आवश्यक होने पर लक्ष्यों में संशोधन करने हेतु भारत सरकार से अनुरोध किया जा सकता है। उन्होंने निष्क्रिय समितियों के अवसायन के कार्य में भी गति लाने के निर्देश दिए। भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप निष्क्रिय समितियों के अवसायन की प्रक्रिया शीघ्र सम्पन्न की जानी है। राजपाल ने विश्व की सबसे बड़ी अन्न भण्डारण योजना के अंतर्गत बन रहे गोदामों के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश देते हुए बारिश के मौसम से पूर्व यह कार्य पूर्ण करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष स्वीकृत गोदामों का निर्माण पूर्व करते हुए 500 मीट्रिक टन क्षमता के नए गोदाम स्वीकृत किए जाएं। जिन गोदामों का निर्माण कार्य पूर्ण होने जा रहा है, उन्हें शीघ्र तीसरी किश्त जारी की जाए। पैक्स का जन औषधि केन्द्र के रूप में संचालन करने के संबंध में कम प्रगति पर राजपाल ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उपभोक्ता भण्डारों द्वारा संचालित स्टोर्स के सब सेंटर के रूप में इनका संचालन करने हेतु प्रस्ताव तैयार किया जाए। साथ ही, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से जुड़े पैक्स पर भी जन औषधि केन्द्र शुरु किए जा सकते हैं।

प्रमुख शासन सचिव ने पीएम किसान समृद्धि केन्द्र एवं कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में संचालित पैक्स के एनसीडी पोर्टल पर प्रदर्शित हो रहे डेटा के अंतर को दूर करने के निर्देश दिए। राजपाल ने राष्ट्रीय स्तर पर गठित नवीन सहकारी संस्थाओं नेशनल को-ऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लि., नेशनल को-ऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लि. एवं भारतीय बीज सहकारी समिति लि. की अधिकाधिक सदस्यता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिन क्रय-विक्रय सहकारी समितियों द्वारा अब तक सदस्यता के लिए आवेदन नहीं किया गया है, उनसे आवेदन करवाया जाए। इसके पश्चात सभी जिलों से एनसीईएल के लिए 5-5 सक्षम पैक्स द्वारा आवेदन करवाने पर फोकस किया जाए। उन्होंने एनसीसीएफ एवं नैफेड के पोर्टल पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त कर रहे एवं अल्पकालीन ऋण ले रहे किसानों का रजिस्ट्रेशन करवाने के भी निर्देश दिए, जिससे उन्हें उक्त पोर्टल से लाभ प्राप्त हो सके।
बैठक में पैक्स का एफपीओ के रूप में संचालन, नेशनल को-ऑपरेटिव डाटाबेस, व्हाइट रिवॉल्यूशन 2.0, सहकार में सहकारिता, आरसीएस कार्यालयों एवं एआरडीबी के कम्प्यूटराइजेशन, एससीडीसी एवं एसएसी की बैठकों में लिए गए निर्णयों की पालना एवं सहकारिता मंत्रालय से प्राप्त निर्देशों की पालना के संबंध में भी समीक्षा की गई। सहकार से समृद्धि के नोडल अधिकारी सहित सभी फंक्शनल अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।

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