गुणों का खज़ाना है बहुगुणकारी है हल्दी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा से सप्ताह भर के भीतर ही केंद्र सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड
के गठन की अधिसूचना जारी कर दी। यह बोर्ड देश में हल्दी की खेती और उसके उत्पादों के विकास पर
ध्यान देगा। जागरूकता लाने एवं खपत के साथ निर्यात बढ़ाने के लिए भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए बाजार
की तलाश करेगा। इससे छोटे एवं सीमांत किसानोंकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस बोर्ड का मकसद
साल 2030 तक हल्दी निर्यात को पांच गुना बढ़ाकर 1 अरब डॉलर तक पहुंचाने की है। बहु गुणकारी हल्दी के
औषधीय गुणों के चलते दुनिया भर में इसकी माँग बनी रहती है। ऐसे में हल्दी बोर्ड जागरूकता और खपत
बढ़ाने, निर्यात बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए बाज़ार विकसित करने के अलावा नए उत्पादों में
अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने और मूल्य वर्धित हल्दी उत्पादों के लिए हमारे पारंपरिक ज्ञान के
विकास का काम करेगा।
भारत विश्व में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। वर्ष 2022-23 में 11.61 लाख टन का उत्पादन भारत में
हुआ था। देश के 20 से अधिक राज्यों में हल्दी की खेती होती है। सबसे ज्यादा उत्पादन महाराष्ट्र तेलंगाना
कर्नाटक एवं तमिलनाडु में होता है। केंद्र सरकार का मानना है कि स्वास्थ्य के लिहाज से हल्दी के प्रति
अभिरुचि दुनिया भर के देशों में बढ़ रही है। यह वैश्विक उत्पादन का 75 प्रतिशत से अधिक है। भारत में
3.24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की 30 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं। देश के 20 से अधिक राज्यों में
हल्दी की खेती होती है। हल्दी के विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 62 प्रतिशत है। 2022-23 के दौरान
380 से अधिक निर्यातकों द्वारा 20.74 अरब डालर मूल्य के 1.534 लाख टन हल्दी और हल्दी उत्पादों का
निर्यात किया गया था। भारतीय हल्दी के लिए प्रमुख बाजार बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका
और मलेशिया हैं।
हल्दी एंटीऑक्सीडेंट का काम करती है। हल्दी में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद के साथ
कोलेस्ट्रॉल को कम करने की क्षमता है । औषधीय गुणों की वजह से आर्युवेद में विशेष स्थान दिया गया है।
हल्दी के एक नहीं अपितु अनेक फायदे हैं। हल्दी के औषधीय गुणों में एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट,
एंटीट्यूमर, एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल, कार्डियोप्रोटेक्टिव (हृदय को स्वस्थ रखने वाला गुण), हेपटोप्रोटेक्टिव
(लिवर स्वस्थ रखने वाला गुण) और नेफ्रोप्रोटेक्टिव (किडनी स्वस्थ रखने वाला गुण) गुण मुख्य हैं । हमारी
रसोई में पाये जाने वाले अधिकतर मसालों में औषधीय गुण होते हैं, जिनकी मदद से कई शारीरिक
व्याधियों को आसानी से ठीक किया जा सकता है। ऐसी ही एक बहुगुणकारी चीज हल्दी है, जो घर घर में

पाई जाती है। आयुर्वेद में बताया गया है हल्दी विभिन्न औषधीय लाभ प्रदान करती है, जैसे- गैस को कम
करना, शारीरिक ऊर्जा को बढ़ावा देना, पाचन को बढ़ाना, पीरियड्स को कंट्रोल करना, पित्त की पथरी को दूर
करना और गठिया में आराम देना आदि। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो खांसी और गले में खराश
की समस्या को दूर करने में मददगार हैं।इसे पानी में उबालकर एक चुटकी हल्दी मिलानी है और इसका
सेवन दिन में दो बार करना है। हल्दी घाव को जल्दी भरने, मामूली कट और मोच को ठीक करने, सांप के
काटने और खरोंच के इलाज में मदद करती है. इसके अलावा, हल्दी में मच्छर विकर्षक गुण भी होते हैं यानी
इन्हें त्वचा पर लगाने से मच्छरों के काटने का खतरा कम हो जाता है। हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी,
एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-कैंसर और न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं. यही वजह है कि ये गठिया के रोगियों के लिए
काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। हल्दी का इस्तेमाल त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए भी
किया जाता है।

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