दुनिया में अशांति बढ़ती जा रही है। कुछ देश गृहयुद्ध जैसी स्थिति में उलझे हुए हैं तो कुछ बाकायदा युद्ध लड़ रहे हैं। अशांत देशों में अब बांग्लादेश का नाम भी शुमार हो गया है जहां सरकार विरोधी प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं और सरकार विरोधी छात्र समूह इस बार आर या पार की लड़ाई के मूड़ में दिख रहे हैं। बांग्लादेश में रविवार को भड़की ताजा हिंसा और घातक झड़पों के दौरान लगभग 100 लोग मारे गये। हम आपको बता दें कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के मुद्दे पर हुए बवाल को लेकर शेख हसीना सरकार के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी रविवार को ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के बैनर तले आयोजित ‘असहयोग कार्यक्रम’ में भाग लेने पहुंचे थे। अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया तथा फिर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई। ‘प्रोथोम अलो’ अखबार ने बताया कि ‘असहयोग’ आंदोलन को लेकर देशभर में हुई झड़पों, गोलीबारी और जवाबी हमलों में कम से कम 97 लोगों की जान चली गई।
इस बीच, प्रदर्शनकारी छात्रों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए आज राजधानी ढाका तक मार्च निकालने का आह्वान किया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, रविवार को भड़की हिंसा में कम से कम 100 लोग मारे गये और सैंकड़ों लोग घायल हो गये। पुलिस ने रविवार को हजारों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और रबर की गोलियां चलाईं। रविवार शाम से देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया गया है, रेलवे ने सेवाएं निलंबित कर दी हैं और देश का विशाल कपड़ा उद्योग बंद हो गया है। बताया जा रहा है कि मरने वालों में 14 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। देखा जाये तो बांग्लादेश के हालिया इतिहास में किसी भी विरोध प्रदर्शन में एक दिन में मरने वालों की संख्या 4 अगस्त 2024 को सबसे अधिक रही। पिछले महीने हुए प्रदर्शनों के दौरान भी 19 जुलाई को 67 लोग मारे गये थे।