दुनिया उन्हें करुणा, विनम्रता के लिए रखेगी याद : पोप फ्रांसिस के निधन पर पीएम मोदी

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र ने पोप फ्रांसिस के निधन पर गहर दुख व्यवक्त किया। उन्होंने कहा कि पोप फ्रांसिस को दुनिया में करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के लिए याद रखा जाएगा। पोप फ्रांसिस का निधन सोमवार (21 अप्रैल) को वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित उनके निवास स्थान पर हुआ वह 88 वर्ष के थे।पीएम मोदी ने एक्स पर अपने शोक संदेश में कहा, “परम पावन पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।” उन्होंने कहा, “पोप फ्रांसिस को दुनिया भर में लाखों लोग करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में हमेशा याद रखेंगे।”प्रधानमंत्री ने कहा, “छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने में खुद को समर्पित कर दिया। उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की। जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की उम्मीद जगाई।
मुझे उनके साथ हुई मुलाकातें बहुत अच्छी तरह याद हैं और मैं समावेशी और सर्वांगीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रेरित हुआ। भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा याद रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।”पोप फ्रांसिस के निधन पर विश्व के नेताओं ने शोक जताया है। स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा: “मैं पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं। शांति, सामाजिक न्याय और सबसे कमोजर लोगों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता एक गहरी विरासत छोड़ गई है।”इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने कहा, “यह खबर हमें बहुत दुख देने वाली है।” उन्होंने बयान में कहा, “मुझे उनकी दोस्ती कां सौभाग्य मिला।”मेलोनी ने कहा, “उन्होंने एक बार फिर दुनिया से दिशा बदलने के लिए साहत दिखाने को कहा, एक ऐसे मार्ग पर चलने के लिए कहा जो ‘नष्ट नहीं करता, ब्लिक ठीक करता है, सुरक्षा करता है। उनकी शिक्षा और उनकी विरासत कभी खत्म नहीं होगी।”फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि ते हुए उन्हें “विनम्र व्यक्ति बताया जो सबसे कमजोर और सबसे नाजुक लोगों के पक्ष में खड़ा रहा।”फ्रांसिस, पुरानी फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित थे। युवावस्था में उनके एक फेफड़े का हिस्सा निकाल दिया गया था। उन्हें 14 फरवरी, 2025 को सांस की तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जो बाद में डबल निमोनिया में बदल गया। उन्होंने वहां 38 दिन बिताए।

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