बून्दी। राजस्थान उच्च न्यायालय खंडपीठ, जयपुर द्वारा जारी आदेश एवं आयुक्त एवं शासन सचिव बाल अधिकारिता द्वारा जारी गाइडलाइन एवं जिला कलेक्टर द्वारा बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए जारी आदेश की अनुपालना में राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 के अंतर्गत बाल विवाह की रोकथाम के लिए जनप्रतिनिधियों, सरपंच व ब्लॉक स्तरीय बाल संरक्षण समिति सदस्यों व हितधारकों की ब्लॉक स्तरीय कार्यशाला का आयोजन जिला प्रशासन, जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा बाल कल्याण समिति व एक्शन एड-यूनिसेफ के सहयोग से पंचायत समिति सभागार, हिंडोली में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर विकास अधिकारी पीयूष जैन ने कहा कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए लोगों के बीच प्रचार-प्रसार होना चाहिए। इसके प्रति ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हों। सभी लोग अपने इलाकों में जाकर बताएं कि बाल विवाह नहीं करें। बाल विवाह अभिशाप ही नहीं अंधकार का मार्ग भी है। बाल विवाह को मिलजुल कर प्रयास करने से ही रोका जा सकता है। इसके लिए हिंडोली पंचायत समिति अनुभव पहल करते हुए आगामी पंचायती राज चुनाव में नामांकन करने वाले प्रत्याशियों से बाल विवाह रोकथाम हेतु शपथ पत्र भरवाया जायेगा।
हरिश्चंद्र मधुर राजकीय लोक प्रशासन संस्थान जयपुर से पधारे मुख्य संदर्भ व्यक्ति राजकुमार पालीवाल ने बाल विवाह क्यों मुद्दा है तथा इसके लिये जिम्मेदार कारकों को बताते हुए कहा कि बाल विवाह के कारण बच्चे शिक्षा, परिवार और दोस्तों से दूर हो जाते हैं, यौन शोषण, जल्दी गर्भावस्था और स्वास्थ्य जोखिम, घरेलू हिंसा की चपेट में आने, उच्च शिशु मृत्यु दर, कम वजन वाले शिशुओं का जन्म, पूर्व के अवसरों को खो देता है। बाल विवाह रोकथाम के लिए विभिन्न कानूनी प्रावधानों तथा इन कानूनों की मुख्य विशेषताओं तथा बाल विवाह रोकथाम, सुरक्षा व अभियोजन, बाल विवाह शून्यीकरण, गुजारा भत्ता एवं बच्चें की अभिरक्षा, बाल विवाह का अन्य कानूनों से संबंध एवं विशेष प्रावधान के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बाल संरक्षण से संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा करते हुए बाल संरक्षण तंत्र तथा बाल संरक्षण समितियों की भूमिका, बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत निर्माण के लिए सम्भावित मार्गदर्शन बिन्दुओ तथा पंचायती राज प्रतिनिधियों की भूमिका पर चर्चा की।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने अपने उदबोधन में कहा कि बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए कार्य योजना के क्रियान्वयन के संबंध में उच्च न्यायालय, जयपुर व जिला कलेक्टर आदेश की अनुपालना में पंचायती राज प्रतिनिधियों की प्रथम पंचायत स्तरीय कार्यशाला है और इसी क्रम में अन्य पंचायतों में भी कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा। तथा बाल विवाह रोकथाम जिम्मेदार सभी व्यक्तियों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। कार्यशाला का प्रारम्भ उपस्थित सभी प्रतिभागियों का स्वागत बाल अधिकारिता विभाग के संरक्षण अधिकारी गोविंद कुमार ने किया और विभाग द्वारा बाल विवाह रोकथाम के लिए किये गये कार्यों की जानकारी दी।
एक्शनएड-यूनिसेफ जिला समन्वयक जहीर आलम ने बाल विवाह के आंकड़ों को बताते हुए जिला विशिष्ट कार्य योजना पर चर्चा करते हुए कहा कि कई छोटे-छोटे काम बडे़ बदलाव ला सकते हैं। हमें बच्चों और समुदायों को नुकसान पहुँचाने वाली प्रथाओं को चुपचाप स्वीकार करने की जरूरत नहीं है बल्कि हम सभी को निम्न तीन कदम उठाने की आवश्यकता है जैसे अपने आस-पास हो रहे किसी भी बाल विवाह की सूचना उचित प्राधिकारियों को दें, अपने मित्रों, परिवार और समुदाय को बताएं कि बाल विवाह क्यों हानिकारक है, बाल विवाह को बढ़ावा देने वाले किसी भी कार्यक्रम का हिस्सा न बनने का वादा करें।
कार्यशाला में अलोद सरपंच रामेश्वर ने बाल विवाह रोकथाम के लिए व्यक्तिगत दायित्व के साथ साथ अध्यापकों, कर्मचारियों व अधिकारियों को निगरानी तंत्र मजबूत करना होगा। अलोद सरपंच रामेश्वर दयाल व बसोली सरपंच महावीर राठौर ने बच्चों के मुद्दों को गंभीर मानते हुए बाल विवाह मुक्त गांव बनाने का संकल्प लिया। बाल कल्याण समिति सदस्य घनश्याम दुबे ने समिति के कार्यों व भूमिका के बारे में बताया।
इस अवसर पर दीपिका विशिष्ट व चाईल्ड लाईन टीम, पंचायत समिति के सहायक विकास अधिकारी अमर दास बैरवा ,प्रगति प्रसार अधिकारी देवराज मीणा देवनारायण विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रमोद वर्मा स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल के प्रधानाचार्य राजेंद्र निर्मल , राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हिंडोली के प्रधानाचार्य लक्ष्मण मीणा हिंडोली की सभी ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी व कनिष्ठ सहायक उपस्थित रहे।
बाल विवाह रोकथाम व बाल संरक्षण के लिए हिंडोली पंचायत में हितधारकों की कार्यशाला हुई सम्पन्न
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