जल्द 500 सब्सक्राइबर वाले यूट्यूब चैनल होंगे मोनेटाइज, 3 हजार घंटे वॉच टाइम भी पूरा करना होगा

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नई दिल्ली. गूगल के पॉपुलर वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब ने अपने यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम (YPP) के तहत मोनेटाइजेशन पॉलिसी में बदलाव कर दिया है। जल्द कंटेंट क्रिएटर्स अपने यूट्यूब चैनल को 500 सब्सक्राइबर और 3 हजार घंटे वॉच टाइम पूरे होने पर मोनेटाइज करा सकेंगे। इससे पहले यूट्यूब चैनल को मोनेटाइज कराने के लिए 1000 सब्सक्राइबर्स और 4 हजार घंटे वॉच टाइम पूरा होना जरूरी था। वहीं, शॉट्स वीडियो व्यूज के क्राइटेरिया को 10 मिलियन से कम करके 3 मिलियन (30 लाख) कर दिया गया है। यूट्यूब ने मोनेटाइजेशन पॉलिसी में यह बदलाव छोटे कंटेंट क्रिएटर्स को सपोर्ट करने के लिए किए हैं।

छोटे क्रिएटर्स को मिलेंगे कमाई के नए तरीके
द वर्ज की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूट्यूब ने छोटे क्रिएटर्स के लिए कमाई के कुछ तरीके भी पेश किए हैं, जिनमें पेड चैट, टिपिंग, चैनल मेंबरशिप और शॉपिंग फीचर शामिल हैं।

कहां-कहां लागू हुई नई मोनेटाइजेशन पॉलिसी?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूट्यूब ने नई मोनेटाइजेशन पॉलिसी अमेरिका, यूके, कनाडा, ताइवान और दक्षिण कोरिया में लागू कर दी है। जल्द ही यह भारत सहित अन्य देशों में भी लागू की जाएगी।

कैसे शुरू हुआ यूट्यूब?
बात 2004 की है। ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम- Paypal (अमेरिकन मल्टीनेशनल फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनी) में काम कर चुके तीन दोस्तों चैड हर्ली, स्टीव चेन, जावेद करीम सैन फ्रांसिस्को में हुई एक डिनर पार्टी में मिले। तीनों ने एक ऑनलाइन डेटिंग सर्विस शुरू करने का प्लान बनाया। 2005 में वैलेंटाइन्स डे पर 14 फरवरी को डोमेन Youtube.com लॉन्च किया गया। इसका पहला ऑफिस एक गैरेज में बनाया गया।

डेटिंग सर्विस फेल हुई तो बन गया वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म
तीनों दोस्त चाहते थे कि लोग इस पर अपना वीडियो अपलोड कर बताएं कि उन्हें किस तरह का लाइफ पार्टनर चाहिए। समय गुजरा लेकिन इसमें कोई वीडियो अपलोड नहीं हुआ। आइडिया फेल होने के बाद तीन फाउंडर में से एक जावेद करीम ने 23 अप्रैल 2005 को इसमें पहला वीडियो अपलोड किया। इस वीडियो का टाइटल ‘मी एट द जू’ था। 19 सेकेंड के इस वीडियो में जावेद करीम खुद सैन डिएगो जू में हाथियों पर बात करते दिखे थे। सितंबर 2005 तक यूट्यूब के पहले वीडियो को 10 लाख से ज्यादा व्यूज मिले थे। आज उस वीडियो पर 26 करोड़ व्यूज और 1.3 करोड़ लाइक्स हैं। जावेद ने ट्रायल के लिए चैनल बनाया था, जिसमें मी एट द जू 18 सालों में अपलोड हुआ इकलौता वीडियो है। बस यहीं से यूट्यूब डेटिंग साइट से वीडियो प्लेटफॉर्म बना।

 

 

 

 

 

 

 

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