एक घंटा अतिरिक्त काम कर दे रहे सकारात्मक संदेश
जयपुर। राजस्थान सूचना एवं जनसंपर्क सेवा के संगठन प्रसार की ओर से रखी गई मांगों को लेकर राज्य के जनसंपर्क अधिकारियों ने सोमवार 8 मई से सकारात्मक आंदोलन की जोश एवं उत्साह के साथ शुरुआत की। सत्याग्रह की राह अपनाते हुए अधिकारियों ने कार्यालय समय समाप्त होने के बाद सायं 6 बजे से 7 बजे तक अतिरिक्त काम कर अपनी मांगों की ओर ध्यान आकृष्ट किया। इस दौरान राजभवन एवं मुख्यमंत्री कार्यालय स्थित जनसंपर्क प्रकोष्ठ सहित मुख्यालय और विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर तैनात जनसंपर्क सेवा के अधिकारियों ने सत्याग्रह में हिस्सा लिया। विभिन्न जिलों के सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालयों ने भी निर्धारित कार्यालय समय के पश्चात् काम कर सत्याग्रह में सक्रिय भागीदारी निभाई।
अतिरिक्त काम कर प्रस्तुत किया उदाहरण
प्रसार का कहना है कि सोमवार, 8 मई से एक सप्ताह तक सूचना एवं जनसंपर्क सेवा के अधिकारी कार्यालय समय सायं 6 बजे के पश्चात् अतिरिक्त एक घंटा राजकार्य के लिए निकाल रहे हैं। जनसंपर्क अधिकारियों द्वारा एक सप्ताह तक प्रतिदिन लगभग 200 घंटे के हिसाब से लगभग 1400 घंटे तक अतिरिक्त राज कार्य का संपादन किया जाएगा, जो प्रदेश की अन्य सेवाओं के लिए भी उदाहरण बनेगा।
एक सप्ताह बाद कैंडल मार्च
प्रसार का कहना है कि यदि पहले सप्ताह के दौरान मांगें नहीं मानी गईं तो जनसंपर्क सेवा के अधिकारी सायं 7 बजे से कैंडल मार्च का आयोजन करेंगे। इसके लिए पहले तीन दिन तक जिलों में, उसके बाद दो दिनों तक संभाग स्तर पर और अंतिम दिन राजधानी में विशाल कैंडल मार्च का आयोजन किया जाएगा और प्रसार की मांगों की ओर राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट किया जाएगा। इस दौरान भी राजकीय समय में सभी अधिकारी प्रचार—प्रसार का राजकीय कार्य संपादित करते रहेंगे।
30 जून तक ‘जनसंपर्क बचाओ कैंप’
मांगें नहीं माने जाने पर तीसरे सप्ताह प्रसार ‘जनसंपर्क बचाओ कैंप’ का आयोजन करेगा। ये कैंप सभी जिलों, संभाग और राजधानी के स्तर पर लगाए जाएंगे। इस दौरान जनसंपर्क सेवा की आवश्यकता और गरिमा से जुड़ी प्रमुख 10 मांगों का प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही सत्याग्रह के प्रेरणास्रोत महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े प्रमुख विचार भी प्रदर्शित किए जाएंगे।
जरूरत पड़ने पर होगा महापड़ाव
प्रसार का कहना है कि जरूरत पड़ने पर संगठन महापड़ाव से पीछे नहीं रहेगा। इस दौरान महापड़ाव स्तर पर कंप्यूटर, लैपटॉप की निजी स्तर पर व्यवस्था की जाएगी, जिससे राज्य सरकार के प्रचार—प्रसार का कार्य बाधित न हो।