राजस्थान को 4 हजार मेगावाट आवर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली का आवंटन, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जताया प्रधानमंत्री और केन्द्रीय विद्युत मंत्री का आभार

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जयपुर। राजस्थान को केन्द्रीय बिजली मंत्रालय द्वारा वायबिलिटी गैप फंडिंग के अंतर्गत 4 हजार मेगावाट आवर की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली का आवंटन किया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय विद्युत मंत्री मनोहरलाल का आभार प्रकट करते हुए कहा है कि यह आवंटन राज्य में ऊर्जा क्षेत्र को नई दिशा देने के साथ ग्रीन एनर्जी के लक्ष्यों की प्राप्ति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वीजीएफ के अंतर्गत यह सहायता भारत सरकार के पावर सिस्टम डेवलपमेंट फंड से दी जाएगी। राजस्थान को 4 हजार मेगावाट आवर की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के लिए 18 लाख रुपए प्रति मेगावाट आवर की दर से 720 करोड़ रुपए की केन्द्रीय सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आवंटन के फलस्वरूप राज्य में बैटरी ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं के विकास को गति मिलेगी, जिससे सौर और पवन ऊर्जा जैसे अक्षय स्रोतों से उत्पन्न बिजली को संरक्षित कर आवश्यकता अनुसार उपयोग में लाया जा सकेगा। इससे ग्रिड स्थिरता में भी सुधार होगा और गैर-सौर घंटों एवं पीक लोड के दौरान बिजली की निर्बाध व सुलभ आपूर्ति में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश को ग्रीन एनर्जी हब बनाने के लिए संकल्पबद्ध है और निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार समयबद्ध प्रस्ताव प्रस्तुत कर बीईएसएस प्रणाली का विकास करने के लिए तत्पर है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय विद्युत मंत्री को पत्र लिखकर और व्यक्तिश: मुलाकात कर राजस्थान को अतिरिक्त बीईएसएस क्षमता आवंटित करने का आग्रह किया था। साथ ही, नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में भी उन्होंने यह मांग प्रमुखता से उठाई थी। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने देशभर में 30 गीगावाट आवर की बीईएसएस क्षमता के विकास के लिए वीजीएफ के तहत सहायता देने का निर्णय लिया है, जिसमें से 25 गीगावाट आवर की क्षमता 15 राज्यों को और 5 गीगावाट आवर की क्षमता एनटीपीसी को आवंटित की गई है।

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