नई दिल्ली। केरल में आईएएस अधिकारियों के कथित ‘मल्लू हिंदू ऑफिसर्स’ और ‘मल्लू मुस्लिम ऑफिसर्स’ नाम के वॉट्सऐप ग्रुप को लेकर चल रहे विवाद के बीच पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस जांच में पता चला है कि आईएएस के गोपालकृष्णन का फोन हैक नहीं हुआ था, जिनके फोन से यह ग्रुप बनाया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक आईएएस की ओर से फोन हैक होने का दावा करने के बाद पुलिस ने व्हाट्सएप, गूगल और अधिकारी के इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) से मामले की जांच के लिए संपर्क साधा था। तकनीकी विश्लेषण के बाद पुलिस ने पाया कि अधिकारी के फोन के हैक होने का दावा गलत था। तिरुवनंतपुरम के पुलिस कमिश्नर ने मामले में केरल के डीजीपी को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें खुलासा किया गया है कि जब ये ग्रुप बनाए गए थे, तब फोन सुरक्षित था। अधिकारी के ही फोन से बनाए गए थे ग्रुप रिपोर्ट के अनुसार, व्हाट्सएप ने पुष्टि की है कि ये ग्रुप आईएएस अधिकारी के डिवाइस पर इंस्टॉल किए गए एप्लीकेशन से ही बनाए गए थे। गूगल ने भी पुष्टि की है कि डिवाइस पर कोई अनधिकृत एप्लीकेशन इंस्टॉल नहीं था, जिससे तीसरे पक्ष द्वारा रिमोट कंट्रोल के माध्यम से कोई छेड़छाड़ की गई हो। हालांकि, पुलिस पूरी तरह से संतुष्ट होने के लिए फोन का फॉरेंसिक विश्लेषण करने की योजना बना रही है।
‘मल्लू हिंदू ऑफिसर्स’ वॉट्सऐप ग्रुप मामले में पुलिस का खुलासा- हैक नहीं हुआ था IAS का फोन
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