जयपुर में पीएम योजना पर आमुखीकरण कार्यशाला

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– प्रदेश में सरकारी स्कूलों को ‘नॉलेज सेंटर‘ बनाने पर फोकस करें

-शिक्षक उत्कृष्टता प्रबंधन और अनुभवों से निखारें विद्यालयों का माहौल -शिक्षा मंत्री
जयपुर। शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों को ‘नॉलेज सेंटर‘ के रूप में विकसित करने के लिए ‘उत्कृष्टता प्रबंधन‘ की दिशा में अनवरत प्रयास जारी रखने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों को खेल-खेल में और आनंद से भरे माहौल में शिक्षा देने के लिए शिक्षक अपने अनुभवों का भरपूर उपयोग करें, जिससे छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत बुनियाद तैयार हों।

डॉ. कल्ला शुक्रवार को जयपुर में इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में प्रदेश में पीएम विद्यालय योजना के शुभारम्भ अवसर पर आयोजित एक दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को वर्चुअल माध्यम से मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए कई नवाचार किए जा रहे हैं, वहीं संसाधनों की दृष्टि से भी विद्यालयों को समृद्ध बनाया जा रहा हैं, शिक्षा के लिए इस प्रतिबद्धता के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। प्रदेश के 402 सरकारी स्कूलों का पीएम योजना के प्रथम चरण में चयन इसी दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है, इसके लिए सभी सम्बंधित संस्था प्रधान, शिक्षकगण तथा जिला व राज्य स्तरीय पर विभागीय अधिकारियों की टीम बधाई की पात्र है।

शिक्षा मंत्री ने कार्यशाला में मौजूद प्रदेश के समस्त 402 पीएम विद्यालयों के प्रिंसिपल और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि ये सभी विद्यालय, ‘मॉडल स्कूल‘ बनकर अपने आस-पास के विद्यालयों को नेतृत्व प्रदान करें, ऐसी सोच और भावना के साथ योजना में कार्यों को आगे बढ़ाए। उन्होंने नामांकन में उत्तरोतर वृद्धि और ‘ड्रॉप आऊट‘ दर कम करने के लिए सतत प्रयास और सरकारी स्कूलों को ‘ग्रीन स्कूल‘ बनाने की दिशा में कार्य की आवश्यकता भी जताई।

शिक्षा राज्य मंत्री मती जाहिदा खान ने वीसी के माध्यम से अपने सम्बोधन में सभी चयनित पीएम विद्यालयों के संस्था प्रधानों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सदैव तत्पर है। प्रदेश में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में सूचना तकनीकी, अर्ली चाइल्डहुड केयर, विद्यालय समूहन, समान एवं समावेशी शिक्षा की पहुंच और व्यावसायिक शिक्षा जैसे बिंदुओं पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसाओं के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पीएम विद्यालयों को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार विकसित किया जाएगा। ये विद्यालय अन्य स्कूलों के लिए प्रेरणास्पद माहौल तैयार करेंगे।

कार्यशाला में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मोहन लाल यादव ने अपने उद्बोधन में पीएम विद्यालयों के विकास के लिए सभी प्राचार्यों से अपनी अच्छी टीम तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 402 विद्यालयों का पीएम योजना में चयन ‘टीम भावना‘ से मेहनत और लगन के साथ कार्य का ही नतीजा है, आने वाले दिनों में योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए भी जिलों में परियोजना के अधिकारी और संस्था प्रधान टीम को साथ लेकर चले, जिससे प्रदेश के पीएम विद्यालय अपनी अलग मिसाल कायम करें। स्कूल शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर अपने सम्बोधन में स्कूलों में ‘कॉम्पीटेंसी बेस्ड लर्निंग‘ पर जोर देते हुए कहा कि योजना में चयनित स्कूल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित होंगे और सभी स्कूलों के रोल मॉडल बनेंगे।

कार्यशाला में राज्य के पीएम स्कूलों के प्रधानाचार्यों एवं अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयकों की अलग-अलग टीमों के साथ राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के अधिकारियों और विषय विशेषज्ञों ने उनकी वार्षिक कार्ययोजना और बजट प्रस्तावों पर बारीकी से चर्चा की। वहीं चुनिंदा पीएम विद्यालयों के प्रिंसिपल और जिलों से आए अधिकारियों ने भी अपने विचार और सुझाव साझा किए। सभी पीएम विद्यालयों की तरफ से तैयार किये जाने वाले प्रस्तावों को योजना की गाइडलाइन एवं नॉर्म्स के अनुरूप समीक्षा के बाद केंद्रीय पोर्टल पर ऑनलाइन सबमिट किया जाएगा। कार्यशाला में बताया गया कि योजना में चयनित सरकारी विद्यालयों में 2 करोड़ रुपये की सीमा में कार्य कराए जा सकेंगे, इसमें से प्रमुख रुप से 30 प्रतिशत राशि सिविल वर्क्स एवं 40 प्रतिशत राशि प्रोजेक्ट इनोवेशन पर व्यय करने का प्रावधान है। संस्था प्रधानों एवं जिला परियोजना समन्वयकों को स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अपने प्रपोजल बनाने के बारे में राजस्थान स्कूल शिक्षा के परिषद के अधिकारियों ने विस्तृत जानकारी दीं।

कार्यशाला में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के अतिरिक्त परियोजना निदेशक अनिल पालीवाल एवं राकेश गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक मती ममता दाधीच के अलावा उपायुक्त, अधीक्षण अभियंता, उप निदेशक, सहायक निदेशक और अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे। उपायुक्त मुरारी लाल शर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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