दौसा – आपने कहावत सुनी होगी कि करे कोई भरे कोई ऐसा ही इन दिनों चिकित्सा महकमे में चल रहा है। वह भी चिकित्सा मंत्री के गृह जिले में खूब देखने को मिल रहा है। मामला चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा के गृह जिले के उपखंड रामगढ़ पचवारा के धोलावास गांव का है जहां पर 16 मई को धोलावास निवासी रिछपाल मीणा पुत्र प्रभाती लाल मीणा जो स्वयं के खेत पर ज्वार की रखवाली करते समय आवारा सांड ने उस पर हमला कर दिया था जिस से घायल होने पर दोसा जिला अस्पताल लेकर गए जहां पर गंभीर अवस्था के चलते दोसा जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे जयपुर रेफर कर दिया।
जहां पर उसकी मौत हो गई उसके बाद क्या था चिकित्सा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र के मृतक के परिजनों ने इसकी शिकायत चिकित्सा मंत्री की गई तो मंत्री के निर्देश पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त शासन सचिव नरेंद्र कुमार बंसल के आदेश अनुसार राजकीय जिला अस्पताल दोसा के तीन चिकित्सक कर्मियों को सस्पेंड कर दिया।
जिनमें एक ईएनटी चिकित्सक डॉ अमित शर्मा,नर्सिंग कर्मी दिनेश बेरवा व शीतल सैनी को सस्पेंड कर दिया। जिसके चलते दोसा जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया लोग तरह तरह की बातें करने लगे। लेकिन सबसे अधिक चर्चा में रही ईसीजी टेक्निशियन शीतल सैनी ।शीतल सैनी का कहना है मेरा इस पूरे मामले में दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं था। जिसे बाद भी सस्पेंड कर दिया। जब घायल को लाया गया मरीज को एडमिट के बाद पर्ची में चिकित्सक के द्वारा ईसीजी लिखी नहीं थी तो फिर बिना चिकित्सक के ईसीजी लिखें कैसे ईसीजी करती। वहीं अस्पताल के समस्त स्टाफ की सहानुभूति शीतल सैनी के प्रति है।
क्योंकि उसे बेकसूर मान रहे है। वही इस मामले को लेकर दोसा जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ शिवराम मीणा का कहना है कि इलाज के दौरान लापरवाही बरतने पर चिकित्सा मंत्री केनिर्देश पर इन्हें सस्पेंड किया गया है। एक जांच टीम गठित की जाएगी वह पूरे मामले की जांच कर निदेशक को जांच सौपेगी। तब मामले का पूरा खुलासा होगा। लेकिन लापरवाही के चलते फिलहाल तीन चिकित्साकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है और इनका मुख्यालय जयपुर रहेगा। दबे स्वरों में चिकित्सा मंत्री के इस आदेश पर चिकित्सा महकमा खासा नाराज है।