अब मिलकर होगा आतंकवादियों पर प्रहार, रूस ने हमले के बाद भारत से मांगी मदद

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आतंकवाद के खिलाफ भारत ने हमेशा आवाज उठाई है। फिर चाहे वो पाकिस्तान हो या फिर कोई और देश। आतंकवाद पर भारत की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी से कई देश वाकिफ हैं। इसी कड़ी में भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने भारत और अन्य राष्ट्रों के साथ मिलकर आतंकवाद से लड़ने की बात कही हैं। हालांकि उनका बयान रूस में हुए आतंकी हमले के बाद आया है। 22 मार्च को रूस की राजधानी मॉस्को के कॉन्सर्ट हॉल में हुए दुखद आतंकवादी हमलों के बाद रूस को आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में भारत के रूप में एक सहयोगी मिला है। यूक्रेन के विदेश मंत्री की भारत यात्रा के बीच रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने आतंकवाद से लड़ने में भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है।
22 मार्च को सशस्त्र आतंकवादियों ने मॉस्को में क्रोकस कॉन्सर्ट में गोलीबारी और बम विस्फोटों के माध्यम से अराजकता फैलाई, जिसमें 130 से अधिक लोगों की जान चली गई। रूसी दूत ने भारत और अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रूप से आतंकवाद से लड़ने के लिए रूस की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करने में भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, राजनीतिक नेताओं, मंत्रियों, अधिकारियों और सार्वजनिक कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए दृढ़ समर्थन को स्वीकार किया।

भारत और अन्य देशों से मिले समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए, राजदूत अलीपोव ने जघन्य हमले की निंदा की और पीड़ितों, उनके परिवारों और रूसी सरकार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की। रूस ने आतंकी हमलों के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराते हुए हमलावरों के यूक्रेनी सीमा के पास होने की आशंका बताई है। सभी संदिग्ध ताजिकिस्तान के नागरिक थे और कथित तौर पर आईएसआईएस से जुड़े हुए थे। जहां आईएसआईएस ने जिम्मेदारी ली, वहीं रूस ने यूक्रेन की संलिप्तता का आरोप लगाया, जिससे तनाव बढ़ गया।

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