बच्चों के लिए विधिक सेवा इकाई का ओरिएन्टेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ

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धौलपुर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर तथा जिला विधिक सेवा प्राधिरण जिला एवं सेशन न्यायाधीश अध्यक्ष के निर्देशानुसार बच्चां को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं प्रदान करने के लिए बच्चों के लिए विधिक सेवा समिति का गठन किया गया, जिसके दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव रेखा यादव द्वारा दीप प्रज्जलित कर एडीआर परिसर धौलपुर मे किया गया।
समिति में सचिव द्वारा उपस्थित पैनल लॉयर व अधिकार मित्रों को नालसा मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों और बौद्धिक विकलांग व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवाएं योजना 2024 के तहत गठित कानूनी सेवा इकाई मनोन्याय के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और नालसा बच्चों के लिए बाल-अनुकूल कानूनी सेवाएं योजना 2024 के तहत गठित बच्चों के लिए कानूनी सेवा इकाई के बारे मे विस्तार से बताया एवं उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के प्रकरण सुप्रिया चक्रवर्ती बनाम भारत संघ सिविल रिट पिटीशन 1011/2022 के अंतर्गत समलैंगिक जोडों के अधिकारों तथा कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले लैंगिक उत्पीड़न से बचाव के उपाय के बारे में विस्तार से बताया।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष मधु शर्मा ने प्रशिक्षण की आवश्यकता को समझने के लिए प्रतिभागियों के साथ बातचीत की एवं बच्चों को कानूनी सेवाओं का प्रावधान तथा बच्चों के लिए नालसा बाल मैत्रीपूर्ण कानूनी सेवाएं योजना 2024 संरचना और मुख्य विशेषताओं के बारे मे विस्तार से बताया।
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ0 सुमित मित्तल द्वारा मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों और बौद्धिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के अधिकार और कानूनी सेवा संस्थानों और प्रदाताओं द्वारा कानूनी हस्तक्षेप की आवश्यकता के बारे मे बताया गया। सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग विश्वदेव पाण्डे द्वारा मानसिक बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों और बौद्धिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के संदर्भ में कानूनी और नीतिगत ढांचे, विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन 2008 एवं विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 तथा मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 के तहत कार्यवही और हस्तक्षेप एवं कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों को कानूनी सेवाएं यथा थाने में, जेजेबी पर, सीसीआई में, बच्चों की अदालतों में एवं जेलों में आदि के बारे मे बताया गया।
एलएडीसी चीफ अमित कमठान ने मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों और बौद्धिक विकलांगता वाले व्यक्तियों को कानूनी सेवाओं का प्रावधान, मानसिक स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों में कानूनी सेवाएं, पुलिस स्टेशनों पर कानूनी सेवाएं, विशेष अदालतों सहित अदालतों में कानूनी सेवाएं, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मेट्रो स्टेशन आदि पर कानूनी सेवाएं आदि के बारे मे बताया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज शर्मा एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बाडी डॉ0 कमल कुमार जांगिड़ एवं थानाधिकारी थाना कोतवाली प्रमेन्द्र रावत ने बच्चों की देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों को कानूनी सेवाएं, सीडब्ल्यूसी, परिवार आधारित देखभाल, सीसीआई, अपराध के शिकार, लापता व तस्करी किए गए बच्चों और बाल श्रम से बचाए गए बच्चों के लिए पुलिस स्टेशन आदि के बारे मे विस्तार से बताया।

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