बीते वित्त वर्ष के पहले 11 माह (अप्रैल-फरवरी) के दौरान देश का कोयला आयात मामूली 1.4 प्रतिशत घटकर 24.07 करोड़ टन रहा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में देश ने 24.42 करोड़ टन का कोयला आयात किया था।समीक्षाधीन अवधि में गैर-कोकिंग कोयले का आयात 15.23 करोड़ टन रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि के 16.06 करोड़ टन से कम है। अप्रैल-फरवरी, 2024-25 के दौरान कोकिंग कोयले का आयात 4.97 करोड़ टन रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 5.19 करोड़ टन से कम है।‘एमजंक्शन सर्विसेज’ द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में कोयले का आयात भी पिछले साल के समान महीने के 2.16 करोड़ टन से घटकर 1.81 करोड़ टन रह गया है।माह-दर-माह आधार पर, फरवरी, 2025 में कोयले का आयात जनवरी, 2025 के 2.14 करोड़ टन के मुकाबले 15.3 प्रतिशत कम रहा है। फरवरी, 2025 में कुल आयात मेंगैर-कोकिंग कोयले का हिस्सा 1.11 करोड़ टन रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 1.38 करोड़ टन था।
फरवरी, 2024 के 46 लाख टन के मुकाबले कोकिंग कोयले का आयात 38 लाख टन रहा। एमजंक्शन के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय वर्मा ने कहा, ‘‘आयात की मात्रा में गिरावट आई है, जो बाजार की उम्मीदों के अनुरूप है। प्रणाली में ऊंचे भंडार ने आयातित सामग्रियों की मांग को कम कर दिया है। हमें उम्मीद है कि गर्मियों की शुरुआत के साथ बिजली की मांग बढ़ने तक यह प्रवृत्ति जारी रहेगी।’’ वित्त वर्ष 2024-2025 की अप्रैल-फरवरी अवधि में देश का कुल कोयला उत्पादन 2023-24 की समान अवधि के 87.85 करोड़ टन से बढ़कर 92.89 करोड़ टन हो गया है। कोयला मंत्रालय ने कहा है कि यह मजबूत प्रदर्शन ऊर्जा सुरक्षा और औद्योगिक विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह सुनिश्चित करता है कि देश बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम है। सरकार आने वाले महीनों में इस सकारात्मक गति को बनाए रखते हुए बुनियादी ढांचे के विकास और परिचालन दक्षता को आगे बढ़ा रही है।