नई दिल्ली: केंद्र सरकार लगातार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। इस क्रम में सरकार ने ग्रामीण बैंकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए 6,212.03 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। यह राशि पुनर्पूंजीकरण योजना के तहत दी गई है। बैंक पुनर्पूंजीकरण मतलब है, सरकारी बैंकों में अधिक पूंजी डालना, जिससे वे पर्याप्त पूंजी के मानदंडों को पूरा कर सकें।
RRB का जोखिम कम करने की कोशिश
यह राशि मिलने से RRB को पूंजी-जोखिम भारित परिसंपत्ति अनुपात (CRAR) नौ प्रतिशत पर बनाए रखने में मदद मिलेगी, जो 31 दिसंबर 2023 को 13.83 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था। वित्त वर्ष 2022-23 में RRB का शुद्ध लाभ 4,974 करोड़ रुपये रहा है। चालू वित्त वर्ष 2023-24 में तीसरी तिमाही तक RRB का शुद्ध लाभ 5,236 करोड़ रुपये हो गया है।
क्या होते हैं RRB
RRB यानी रीजनल रूरल बैंक एक तरह के कॉमर्शियल बैंक होते हैं। भारत सरकार अलग-अलग राज्यों में क्षेत्रीय स्तर पर इनका संचालन करती है। देश में पहला RRB गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर 1975 को खुला था, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में।
फिलहाल, देश के 26 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों में टोटल 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक हैं। इनकी कुल 21,856 शाखाएं हैं।
क्या है RRB का मकसद
RRB का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे और सीमांत किसानों, कृषि कामगारों, कलाकारों और छोटे उद्यमियों को बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं देना है। सरकार ने RRB को अपने ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं की पेशकश करने का भी निर्देश दिया है। देश में RRB में 28.3 करोड़ जमाकर्ता और 2.6 करोड़ उधारकर्ता हैं।