जयपुर। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि माण्डलगढ विधानसभा क्षेत्र में पूर्ववर्ती सरकार के समय बंद किये गए राजकीय विद्यालयों को पर्याप्त नामांकन होने पर पुनः शुरू करने का प्रयास किया जायेगा।
शिक्षा मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि माण्डलगढ में प्रस्ताव प्राप्त होने एवं मापदंड पूरे करने वाले राजकीय विद्यालयों में मेरिट के आधार पर नए विषयों में अध्यापन कार्य प्रारंभ किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था सुचारू करने के लिए 3 हजार 700 अध्यापकों को संविदा के आधार पर लगाया गया था, जिनमें 3 हजार 668 अध्यापकों ने ज्वाइन किया। उन्होंने कहा कि माण्डलगढ में शिक्षकों के रिक्त पदों को समानुपात के आधार पर भरने के प्रयास किये जाएँगे।
दिलावर ने बताया कि कल हरियाली तीज के अवसर पर प्रदेश को हरा-भरा करने के उद्देश्य से हरियालो राजस्थान कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इसके तहत पूरे प्रदेश में सघन पौधारोपण किया जाएगा। कार्यक्रम में सभी राजकीय और गैर राजकीय शिक्षा संस्थान द्वारा भागीदारी कर प्रत्येक विद्यार्थी के नाम से 5-5 पौधे लगाये जाएंगे। उन्होंने बताया कि 200 पौधों पर एक व्यक्ति को रखरखाव के लिए भी रखा जायेगा।
इससे पहले विधायक गोपाल लाल शर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार के समय दिसम्बर 2018 से अक्टूबर 2023 के बीच माध्यमिक शिक्षा विभागान्तर्गत संचालित राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों,प्रशिक्षकों,प्रयोगशाला सहायकों के रिक्त पद होने के कारण नियमित अध्यापन कार्य में व्यवधान उत्पन्न ना हो इस हेतु विभाग के पत्रांक: शिविरा/माध्य/संस्था/एफ-1/गेस्ट फैकल्टी/ 12226/2021/79-83 17 फरवरी 2022 के द्वारा गेस्ट फैकल्टी के रूप में विद्या सम्बल योजना रिक्त पद भरे जाने तक अथवा सत्रांत तक लागू की गई।
उन्होंने बताया कि उक्त योजनान्तर्गत गेस्ट फैकल्टी पर लगे अध्यापकों में से केवल एक अध्यापक का भुगतान किया जाना शेष है, इसके अतिरिक्त समस्त अध्यापकों के मानदेय का भुगतान किया जा चुका है। उक्त अध्यापक के मानदेय का भुगतान संबंधित संस्था प्रधान स्तर से शीघ्र करवा दिया जायेगा।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि विधान सभा क्षेत्र माण्डलगढ में दिसम्बर 2018 से अक्टूबर 2023 के बीच में माध्यमिक शिक्षा विभागान्तर्गत संचालित राजकीय विद्यालयों में गेस्ट फैकल्टी पर किसी भी अध्यापक को नहीं लगाया गया।