केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को “राजनीति का रावण” कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने राजस्थान के लोगों से उनका कार्यकाल समाप्त करने की अपील की। चित्तौड़गढ़ में बीजेपी की जन आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए शेखावत ने कहा, ‘राजनीति के इस रावण अशोक गहलोत को राजस्थान से खत्म करना है तो दोनों हाथ उठाएं और राज्य में राम राज्य स्थापित करने का संकल्प लें।’ इसको लेकर अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी बयान सामने आया है।
अशोक गहलोत ने कहा कि ये मामला राम और रावण का नहीं है। मैं गजेंद्र सिंह शेखावत को राम कह दूंगा पहले वो राम जैसा व्यवहार तो करें। उन्होंने कहा कि वो मुझे रावण कहे मुझे कोई दिक्कत नहीं है। हम उन्हें राम के रूप में मानेंगे पहले आप ईमानदारी दिखाकर गरीबों का पैसा लौटाओ। इससे पहले जल शक्ति मंत्री ने राज्य की कांग्रेस सरकार के महंगाई राहत शिविरों को सस्ती लोकप्रियता पाने का असफल प्रयास बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना के माध्यम से देश भर में नौ करोड़ और राज्य में 77 लाख 803 माताओं को इस योजना का लाभ दिलाया है। शेखावत ने कहा कि इसके लिए न तो कोई कैंप लगा न ही कोई पंजीकरण, सिर्फ एक बटन दबाकर राज्य की 77 लाख 803 माताओं के खाते में सिलेंडर भरवाते ही 200 रुपए की सब्सिडी प्राप्त हो जाती है।
केंद्रीय मंत्री भारतीय जनता पार्टी की ओर से चित्तौड़गढ़ में आयोजित जनाक्रोश महा घेराव कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। शेखावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार महंगाई में राहत देना चाहती है तो वह सबसे पहले पेट्रोल और डीजल में राहत दे। उन्होंने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल देश में सबसे महंगा राजस्थान में है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा, जनता ने कांग्रेस सरकार को डिलीट करने का मन बना लिया है रिपीट करने का नहीं। जोशी ने महंगाई राहत कैंपों के नाम पर आम जनता को परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की जनता ही अब कांग्रेस सरकार को राहत देने वाली है।