जयपुर. जयपुर के जेके लोन हॉस्पिटल के वार्ड में सोमवार रात एसी में आग लग गई। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में 30 से ज्यादा बच्चों को वार्ड से निकालकर दूसरे वार्डों में शिफ्ट किया गया। सूचना पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और ढाई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया था। गनीमत ये रही कि आग के ज्यादा फैलने से पहले ही वार्ड और उसके पास वाले वार्ड में भर्ती 30 से ज्यादा बच्चों को दूसरे वार्डो में शिफ्ट कर लिया गया। अग्निशमन के अधिकारियों के मुताबिक हॉस्पिटल का फायर फाइटिंग सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा था, जिसके चलते आग बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. कैलाश मीणा ने बताया- प्री-फैब्रिक वार्ड के एसी की डक्ट लाइन से धुंआ उठता दिखा तो वहां मौजूद नर्सिंग और रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने तुरंत गार्डों और मरीजों को सूचना दी। फौरन वार्ड में भर्ती करीब 20 से ज्यादा बच्चों को शिफ्ट किया गया। इसी तरह इस फैब्रिक वार्ड से लगते एक अन्य वार्ड, जिसमें कैंसर पीड़ित बच्चे भर्ती थे, सेफ्टी के लिहाज से उन्हें भी वहां से शिफ्ट किया गया। डॉ. मीणा ने बताया- दोनों वार्डों से 30 से ज्यादा बच्चों को शिफ्ट करने के बाद हमारे स्टाफ ने ही फायर फाइटिंग उपकरण की मदद से आग पर काबू पा लिया था। इससे पहले हमने दोनों वार्डों की ऑक्सीजन और बिजली की सप्लाई को बंद करवा दिया था।
हॉस्पिटल का फायर फाइटिंग सिस्टम फेल, 3 गाड़ियां से पाया आग पर काबू
नगर निगम हैरिटेज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी देवेन्द्र मीणा ने बताया कि हमे सूचना रात करीब 10:50 बजे मिली, जिसके बाद हमने यहां से टीम रवाना की। मौके जब टीम पहुंची तो स्टाफ के लोग वहां सबकुछ छोड़कर जा चुके थे। हमारी टीम ने करीब ढाई घंटे की मशक्कत करके आग पर काबू पाया। इस दौरान 3 गाड़ियां दमकल की भेजी गई। मीणा ने बताया कि हॉस्पिटल में जो फायर फाइटिंग सिस्टम लगा था वह सही से काम नहीं कर रहा था। पम्प सेट और पानी का पर्याप्त स्टोरेज नहीं होने के कारण आग बुझाने में काफी परेशानी उठानी पड़ी।
जांच के लिए बनाएंगे कमेटी
अधीक्षक ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई जाएगी। क्योंकि ये वार्ड कुछ समय पहले ही तैयार किया गया था। उन्होंने बताया कि आग लगने के असल कारणों का अभी पता नहीं चला है। जांच में, जिसकी लापरवाही पाई जाएगी, उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।