कोटा जिले में फसल खराबे से प्रभावित किसानों को दस्तावेजों की पूर्ति होते ही किया जाएगा भुगतान – आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री

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जयपुर। आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री गोविन्द राम मेघवाल ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि कोटा जिले में खरीफ फसल 2022 में फसल खराबे से प्रभावित 71 हजार 392 किसानों को 50.74 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि शेष रहे किसानों को भी दस्तावेजों की पूर्ति होते ही मुआवजे का भुगतान कर दिया जाएगा।

आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि कोटा जिले में फसल खराबे से प्रभावित 91 हजार 663 किसानों को भुगतान किया जाना लंबित है। उन्होंने कहा कि मुआवजे के पात्र किसानों द्वारा वांछित दस्तावेज जमा नहीं कराने, दस्तावेजों में त्रुटी होना, खसरे में कई नाम होने, अन्यत्र पलायन या निवास करने आदि कारणों से भुगतान किया जाना लंबित हैं। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों की पूर्ति होते ही भुगतान की कार्रवाई कर दी जाएगी। मेघवाल ने कहा कि तहसीलदार तथा पटवारियों द्वारा दस्तावेजों की पूर्ति कर भुगतान करने की कार्रवाई की जा रही है।

इससे पहले आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री ने विधायक संदीप शर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि वर्ष 2022 में जिला कोटा के 963 गांवों में बाढ़ के कारण किसानों की फसलों में खराबे का सर्वे करवाया गया है। उन्होंने बताया कि खरीफ फसल संवत् 2079 (वर्ष 2022) में बाढ़ से फसल खराबा होने पर 71 हजार 392 कृषकों को एसडीआरएफ नोर्म्सं अनुसार राशि रूपये 50.74 करोड़ का कृषि आदान-अनुदान भुगतान किया गया है।

 

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