गायत्री जयंती व गंगादशहरा पर हुए आयोजन,गंगा जीवनदायिनी वहीं गायत्री प्राणदायिनी है : यज्ञाचार्य शोभा

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बीकानेर । ज्येष्ठ शुक्ल दशमी मंगलवार को गायत्री जयंती, गंगा दशहरा तथा बटुक भैरव जयंती पर बीकानेर में पंच कुंडीय यज्ञ तथा महा आरती के आयोजन सम्पन्न हुए।
गायत्री परिवार ट्रस्ट बीकानेर ट्रस्टी व मीडिया प्रभारी देवेन्द्र सारस्वत ने बताया कि अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार की जिला शाखा गायत्री शक्तिपीठ पुरानी गिन्नानी में अखंड जाप, दीप-यज्ञ तथा युग गीत संगीत का आयोजन किया गया। जिसमें साधकों द्वारा 12 घंटे गायत्री मंत्र का अखंड जाप अनुष्ठान किया। यज्ञ में पुंसवन संस्कार, विद्यारंभ, जन्मदिवस, दीक्षा तथा यज्ञोपवित संस्कार निशुल्क करवाये गये। पुर्णाहुति के पश्चात प्रज्ञा युग गीत प्रस्तुत किये गये। सांयकाल में दीप-यज्ञ में वसुधैव कुटुंबकम कल्याण के लिए विशेष आहुतियां प्रदान की गई। इस अवसर पर यज्ञाचार्य भारत भूषण गुप्ता, प्रबंध ट्रस्टी पवन कुमार ओझा, ट्रस्टी राधेश्याम नामा, कौशल सिंह उपस्थित हुए। 


इसी प्रकार से गायत्री जयंती पर जूनागढ़ के सामने पब्लिक पार्क स्थित सरस्वती माता मंदिर में सरस्वती प्रज्ञा मंडल एवं गायत्री परिवार के संयुक्त तत्वावधान में पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। नारी जागरण अभियान के अन्तर्गत पंच कुंडीय महायज्ञ का संचालन शोभा सारस्वत द्वारा किया गया तथा सहयोग यज्ञाचार्य देवेन्द्र सारस्वत द्वारा किया गया। शोभा सारस्वत ने पंच कुंडीय महायज्ञ संचालन करते हुए कहा कि पतित पावनी मां गंगा जीवनदायिनी है वहीं सद्बुद्धि की अधिष्ठात्री माता गायत्री प्राणदायिनी है। मां गंगा का गंगोत्री से गंगासागर तक पहुंचना और माता गायत्री का जन-जन तक पहुंचना हमारे ऋषियों की विशेष कृपा से ही संभव हुआ है। इनकी शरण में जो भी आता है, उन्हें बिना किसी जातिगत भेदभाव के अपनी गोद में स्वीकार कर लेती हैं। 


यज्ञाचार्य देवेन्द्र सारस्वत कहा कि गायत्री महामंत्र की मनोयोगपूर्वक की गयी साधना से साधक की रुद्र, विष्णु और ब्रह्म ग्रंथि खुल जाती है तथा गायत्री साधना से विभिन्न समस्याओं का दीर्घकालीन समाधान भी मिलता है। गायत्री जीवनी विद्या का स्रोत है, जो भी साधक गायत्री की विधि विधान से साधना करता है, वह साधारण से असाधारण स्तर तक पहुंच जाता है। पंच कुंडीय यज्ञ के दौरान गायत्री जन्मोत्सव, गंगा जन्मोत्सव तथा बटुक भैरव जन्मोत्सव भी मनाया गया। सरस्वती माता मंदिर पूजारी भवानी शंकर कौशिक द्वारा महा आरती तथा विशेष प्रसाद की व्यवस्था गई। 


करणी सेवा संस्थान लूनकरनसर में यज्ञाचार्य राजकुमार गोगिया के मार्गदर्शन में गायत्री जयंती पर यज्ञ एवं आरती का आयोजन किया गया। 
गायत्री परिवार जिला समन्वयक करनीदान चौधरी ने बताया कि गायत्री जयंती व गंगा अवतरण दिवस के अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डाॅ प्रणव पंड्या तथा शैल पंड्या द्वारा शान्तिकुन्ज हरिद्वार में आयोजित विशेष कार्यक्रम में योग वाशिष्ठ (निर्वाण प्रकरण-उत्तरार्द्ध), आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी भाग-एक (तेलुगू) सहित दस पुस्तकों, आओ संस्कारवान पीढ़ी, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज की डाक्यूमेंट्री और प्रज्ञागीतों की वीडियो एलबम आदि का विमोचन भी किया गया।

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