-अतिरिक्त मुख्य सचिव, आरडीपीआर -वीसी के माध्यम से विभागीय योजनाओं की समीक्षा
जयपुर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की सभी योजनाएं को केवल हर स्तर पर सतत और समयबद्ध मॉनिटरिंग से ही सफल बनाया जा सकता है। समुचित मॉनिटरिंग के अभाव में योजनाओं के भौतिक और वित्तीय लक्ष्य पूरे नहीं होने पर सम्बन्धित अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए कार्यवाही की जाएगी।
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने शुक्रवार को शासन सचिवालय स्थित कांफ्रेंस रूम में वीसी के जरिए जुडे़ प्रदेश के सभी जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बीडीओ एवं अन्य अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए यह चेतावनी दी।
इस राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में उन्होेंने कहा कि अगर कार्य समय पर धरातल पर नहीं उतरें, उनमें गुणवत्ता की कमी हो, कार्य सम्पन्न होने के बावजूद योजना में उनका खर्च बुक नहीं हो, कार्य सेंक्शन ही नहीं किए जाएं, जिले की परर्फोमेंस गिर जाए, सभी बातों का मुख्य कारण अधिकारियों द्वारा फील्ड विजिट की कमी और मॉनिटरिंग का अभाव है, ऐसा नहीं चलेगा। उन्होंने मुख्यालय के अधिकारियों को प्रदेशभर में खराब फरर्फोंमेंस वाले तीन जिलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से लगातार बात कर मॉनिटरिंग और समस्या समाधान के निर्देश दिए।
एसीएस ने स्वच्छ भारत मिशन में निर्मित व्यक्तिगत शौचालयों का अविलम्ब भुगतान करने, सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव के लिए मॉडल विकसित करने एवं स्वच्छता के क्षेत्र में मॉडल गांव बनाने के प्रयास करने को कहा। उन्होंने मननरेगा में कार्यों में मशीनों का उपयोग करने वाले जेटीए को तुरन्त कार्यमुक्त करने के निर्देेश देते हुए लम्बित शिकायतों पर नाराजगी जाहिर की। साथ ही सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को 15 अगस्त तक उनके बकाया निरीक्षण दौरे पूरे करने को कहा।
उन्होंने राजीविका एसएचजी की बैंक सखियों एवं अन्य कैडर की सहायता लेकर नरेगा श्रमिकों की बैंकिंग आवश्यकताओं को पूरा करने और मनरेगा कार्याें में राजीविका के अधिकाधिक कन्वर्जेंस के लिए निर्देशित किया। साथ ही सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को राजीविका में किए जा रहे अभिनव प्रयोगों, प्रॉड्यूसर कम्पनियों की जानकारी लेने और इस दिशा में प्रयास करने को कहा।
पंचायती राज विभाग के आयुक्त एवं शासन सचिव रवि जैन ने भी विभिन्न योजनाओं के सम्बन्ध में प्रजेन्टेशन के माध्यम से जिलों की परर्फोंमेंस की समीक्षा की। वीसी में आयुक्त मनरेगा मती शिवांगी स्वर्णकार, निदेशक वाटरशेड मती रश्मि गुप्ता, मिशन निदेशक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अजय सिंह राठौड़, पीडी राजीविका हरदीप सिंह, चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर राजीविका मती सौम्या झा एवं विभाग के अन्य अधिकारी, सभी जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं पंचायती राज विभाग के अन्य अधिकारी शामिल हुए।
वीसी में राज्य वित्त आयोग, 15वें वित्त आयोग के कार्यों, स्वच्छ भारत मिशन, राजीविका, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, स्वामित्व योजना, मनरेगा, राजीव गांधी जल संचय योजना प्रथम एवं द्वितीय सहित वाटरशेड की अन्य योजनाओं, गोरबधन योजना, चारागाह विकास, पौधारोपण, विभिन्न स्तर पर जांचों की स्थिति, बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन सहित विभिन्न विषयों पर विस्तृत समीक्षा की गई।